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Meerut Nagar Nigam Ward No.28: मेरठ नगर निगम वार्ड 28 की पार्षद सरोज, मैं कभी वादा नहीं करती, काम करती हूं
Meerut Nagar Nigam Ward No.28 Parshad: मेरठ नगर निगम वार्ड 28 की पार्षद सरोज ने कहा कि मैं कभी वादा नहीं करती, काम करती हूं।
Meerut Nagar Nigam Ward No.28 Parshad: मेरठ के नगर निगम वार्ड-28 की पार्षद सरोज काम पर विश्वास करती है। सरोज बीएसपी के टिकट पर पहली बार पार्षद बनी हैं। न्यूजट्रैक से बातचीत में सरोज कहती हैं, मैं कभी वादा नहीं करती, रियालिटी में काम करके दिखाती हूं। नगर निगम से जनता की अपेक्षा सफाई, सड़क, पानी, सीवरेज और स्ट्रे डॉग्स जैसी समस्याओं से निजात दिलाने की होती है।
पांच साल के कार्यकाल में उनके वार्ड में कौन-कौन से प्रमुख कार्य हुए। इस सवाल पर सरोज कहती हैं करीब पांच करोड़ रुपये के कार्य मैने अपने वार्ड के लिए कराए हैं। हालांकि नगर निगम अफसरों का अपेक्षित सहयोग नही मिलने के कारण जरुरत के काम नही हो पा रहे हैं। 50-50 लाख रूपये कार्य की कई फाइलें नगर निगम दफ्तर में पड़ी हैं। लेकिन टेन्डर नही डाले जा रहे। क्योंकि ठेकेदारों के पेमेन्ट नही हो पा रहे हैं। मलिन बस्तियों में काम नही हुए।
प्रधानमंत्री मोदी को अपना रोल मॉडल बताने वाली करीब 48 वर्षीय सरोज कहती है, ऊपर तो बहुत काम हो रहे हैं। लेकिन यहां काम नही हो रहे हैं। मेरे वार्ड की आबादी करीब 30 हजार है। यहां पानी ट्यूबवैल के जरिये घर तक पहुंच रहा है। लेकिन,सीवर की व्यवस्था नही है। प्राइमरी स्कूल दो हैं दोंनो की ही हालत खराब है। कई बार संबंधित अफसरों को पत्र लिखे ,लेकिन कोई फायदा नही हुआ। स्वास्थ्य केन्द्र मेरे क्षेत्र में नही है। मलिन बस्तियों की हालत सुधारने के लिए भी विकास कार्यो के कई प्रस्ताव बनाकर भेजे लेकिन,कोई फायदा नही हुआ।
नगर अफसरों का अपेक्षित सहयोग नही मिलने के बावजूद मेरे द्वारा क्षेत्र में कई इलाकों में टूटी-फूटी सड़कों और गलियों की मरम्मत कराई। इस प्रकार करीब पांच करोड़ के कार्य मेरे द्वारा वार्ड में कराए गए हैं। जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल पर सरोज कहती है,-सुबह-शाम कभी भी कोई मुझसे मिल सकता है। मेरे लिए सभी धर्म-जाति और पार्टी के लोग बराबर हैं। मैं किसी के साथ कोई भेदभाव नही करती।
आप महिला है ,चुनाव जीते के बाद क्या आपको अपना कार्य चुनौतीपूर्ण नही लगा। इस सवाल पर बड़े जोशीले अंदाज में सरोज कहती हैं,मुझे कोई चुनौती महसूस नहीं हुई। मुझे लगता है कि अगर पब्लिक ने हमें चुना है तो एक पार्षद होने के नाते मेरा वार्ड मेरा परिवार है। इसलिए मेरी यह जिम्मेदारी बनती है कि मेरे वार्ड के, मेरे परिवार के लोगों को कोई परेशानी न आए।