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Meerut Nagar Nigam Ward No.56: मेरठ प्रहलाद नगर वार्ड के पार्षद जितेन्द्र पाहवा, पुराने शहर की तरफ कोई ध्यान ही नहीं देता, निगम में सब लालची
Meerut Nagar Nigam Ward No.56 Prahlad Nagar Parshad: जितेन्द्र पाहवा नगर निगम अफसरो को कोसते हुए कहते हैं,”काम ही नहीं हुआ भाई साहब। क्या करें जेई ने हमारी फाइल ही नहीं बनाई।
Meerut Nagar Nigam Ward No.56 Prahlad Nagar Parshad: नगर निगम वार्ड-56 (प्रहलाद नगर) के पार्षद जितेन्द्र पाहवा हैं। पिछले चुनाव में 44.54 फीसदी वोट लेकर बीजेपी के टिकट पर पार्षद बने हैं। 60 वर्षीय जितेन्द्र पाहवा भाजपा के जनसंघ के जमाने के लीडर हैं। इतने पुराने लीडर होने के बावजूद उनकी अपनी सरकार में उनकी नगर निगम में सुनवाई नहीं हो पा रही है। जिससे वों नगर निगम अफसरों से काफी नाराज दिखते हैं।
इस संवाददाता के साथ बातचीत में उनकी नगर निगम अफसरों को लेकर नाराजगी उस समय खुलकर सामने आई जब उनसे पूछा गया कि आपने अपने पांच साल के कार्यकाल में कितना काम कराया। इस सवाल के जवाब में जितेन्द्र पाहवा नगर निगम अफसरो को कोसते हुए कहते हैं,"काम ही नहीं हुआ भाई साहब। क्या करें जेई ने हमारी फाइल ही नहीं बनाई। मेरे सारे प्रस्ताव वापस कर दिए। दरअसल,ये लोग बड़ी-बड़ी फाइलों के चक्कर में रहते हैं। सब लालची हैं। फिर भी मेरा जो अनुमान है उसके अनुसार मैं करीब डेढ़ करोड़ रुपये का काम करा चुका हूं।"
कोई खास काम कराया अपने पांच साल के कार्यकाल में इस सवाल पर जितेन्द्र पाहवा कहते हैं,"गलियों और इंटरलाकिंग के अलावा कुछ भी खास काम नहीं हुआ।" फिर तनिक उत्तेजित हुए कहते हैं,"ये जो हापड़ अड्डे से लेकर भूमिया पुल तक की सड़क है इसके निर्माण के लिए मैने प्रस्ताव दिया था। मेरठ मंडल के आयुक्त से मार्क कराकर भी लाया। फिर नगर आयुक्त से मार्क करा करके मैने इसका इस्टीमेट तैयार करवाया। लेकिन,मेरी सारी मेहनत बेकार गई। कुछ नहीं हुआ।" फिर इस संवाददाता से मुखातिब होते हुए पार्षद कहते हैं,"मेरा आपसे आग्रह है कि अगर आपसे कुछ हो पाता है तो इस सड़क के लिए कुछ लिखे। लोग इतने परेशान हैं। रोज सड़को पर गिर रहे हैं। लेकिन,नगर निगम अफसर बेपरवाह हैं।"
जितेन्द्र पाहवा आगे कहते हैं," अगर सरकार पैसा नहीं दे रही हो तो चलो कोई बात नहीं। लेकिन पैसा पड़ा हुआ है।फिर भी ये लोग पता नहीं क्यों नहीं लगा रहे हैं। इन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि जनता सड़क की खस्ता हालत के कारण कितनी परेशान हो रही है। लगे लगाये टेंडर इन्होंने कैंसिंल कर दिए। पेमेन्ट ठेकेदारों की हो नहीं रही है। ठेकेदार आगे टेंडर देने को तैयार नहीं हैं। तो बताओ विकास कैसे होगा। हमारे योगीजी कह रहे हैं कि हमें गढ़ामुक्त सड़के चाहिए। तो भी ये अधिकारी कुछ नहीं कर रहे। इनकी जेब से जाता है क्या। पुराने मेरठ की तरफ तो ये देख ही नहीं रहे हैं। दूसरी तरफ नये मेरठ की तरफ आप 10-10 करोड़ रुपया लगा रहे हैं। उसका क्या फायदा है। अरे भई आवश्यकता तो पुराने मेरठ शहर को है।"
पुराने मेरठ शहर की हालत इतनी बुरी है कि आप खुद देख सकते हैं। जलभराव की बड़ी समस्या है। नाले अटे पड़े हैं। पानी की निकासी नहीं है। कोई देखने को तैयार नहीं। एमपी,एमएलए चुपचाप बैठे हैं। परेशान लोग हमसे कहते हैं। लेकिन हम किससे कहें। किसके पास जाकर रोएं। आपके क्षेत्र में पानी और सीवेज व्यवस्था की स्थिति क्या है। इस सवाल के जवाब में पार्षद कहते हैं-सीवर लाइन पड़ गई है। लेकिन अभी चालू नही हुई है। पानी के लिए मैने जल निगम को पत्र लिखा है। अगले महीने से गोला कुआं से गंगाजल की सप्लाई भी मेरे वार्ड में शुरु हो जाएगी।
जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल के जवाब में जितेन्द्र पाहवा कहते हैं,मैं तो 24 घंटे जनता के लिए तैयार बैठा रहता हूं। कोई भी किसी भी समय आ जाए। कोरोना काल में मेरे द्वारा क्षेत्र का सौ फीसदी वैक्सीनेशन कराया गया। यही नहीं मेरे यहां बूस्टर डोज भी लग चुकी है। यह मेरे प्रति क्षेत्र की जनता का प्यार ही है कि मैं मुस्लिम बाहुल्य वार्ड से जीत कर आया हूं। यहां पर हिन्दू वोट मात्र 3500 है।
आप अपना रोल मॉडल किसे मानते हैं। इस सवाल पर जितेन्द्र पाहवा कहते हैं,"सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी और राजेन्द्र अग्रवालजी मेरे रोल मॉडल हैं।"