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Meerut Nagar Nigam Ward No.59: मेरठ जयदेवी नगर वार्ड की पार्षद शुभम रस्तोगी, पिता के पद चिन्हों पर चलकर मात्र एक साल में बन गए क्षेत्र के लोंगो के चहेते

Meerut Nagar Nigam Ward No.59 Parshad: शुभम रस्तोगी का कहना है कि मुझे काम करने का बहुत कम समय मिला है। फिर भी मेरे द्वारा करीब 50-60 लाख रुपये के विकास कार्य कराए गए हैं

Sushil Kumar
Published on: 7 Nov 2022 1:33 PM GMT
meerut nagar nigam ward number 59 Jayadevi Nagar BJP Parshad Shubham Rastogi
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meerut nagar nigam ward number 59 Jayadevi Nagar BJP Parshad Shubham Rastogi 

Meerut Nagar Nigam Ward No.59 Parshad: नगर निगम उपचुनाव में वार्ड 59 से भाजपा के टिकट पर जीते शुभम रस्तोगी एक बार फिर पार्षदी का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उप चुनाव में 786 मतों के अंतर से जीतने वाले शुभम रस्तोगी का कहना है कि मुझे काम करने का बहुत कम समय मिला है। फिर भी मेरे द्वारा करीब 50-60 लाख रुपये के विकास कार्य कराए गए हैं। शुभम रस्तोगी वार्ड 59 से ही निवर्तमान पार्षद स्वर्गीय किशन कुमार कन्हैया के बेटे हैं।

वार्ड-59 पर शुभम रस्तोगी के परिवार की कितनी मजबूत पकड़ है इस बात का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके पिता किशन कुमार कन्हैया इस वार्ड से लगातार चार बार पार्षदी का चुनाव जीत चुके हैं। किशन कुमार कन्हैया के बारे में स्थानीय लोंगो का कहना है कि उनकी पहुंच घरों के चूल्हों तक थी। लंबी बीमारी के बाद उनकी मौत के बाद पिछले साल मई में हुए उपचुनाव में उनके पुत्र शुभम रस्तोगी खड़े हुए। उपचुनाव में जनता ने पिता के बाद बेटे पर ही भरोसा दिखाया। जाहिर है कि शुभम रस्तोगी को उप चुनाव में कामयाबी उनके पिता की वजह से ही मिल सकी। लेकिन यह भी सच है कि अपने एक साल के छोटे से कार्यकाल के दौरान जिस तरह शुभम रस्तोगी अपने पिता की तरह क्षेत्र के लोगों के चहेते बहन चुके हैं । उसको देखते हुए आने वाले चुनाव में भी शुभम रस्तोगी की जीत तय मानी जा रही है।

Newstrack से बातचीत में शुभम रस्तोगी कहते हैं," अपने पिताजी के पद चिन्हों पर चलकर ही मुझे जनता की सेवा करनी है। यही मेरा संकल्प भी है।" वह कहते हैं," मैं जब उप-चुनाव जीत कर पार्षद बना उस समय कोरोना चरम पर था। इस दौरान सेनोटाइजर का मामला हो,फागिंग का या फिर भोजन का, मैने हर काम में लोगों तक मदद पहुंचाने की पूरी कोशिश की है। यही मेरे पिताजी ने मुझे बचपन से सिखाया भी था कि जितना भी कर सकते हो उससे कहीं अधिक पीड़ित लोंगो की मदद करो। यही दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। जनता से मिलने का क्या टाइम रहता है आपका? इस सवाल पर शुभम रस्तौगी कहते हैं,"मेरा फोन 24 घंटे चालू रहता है। लोंगो के एक फोन पर मैं उनके पास पहुंच जाता हूं।"

अंत में शुभम रस्तौगी कहते हैं," मेरी बस क्षेत्र के लोंगो से यही विनती है कि जनता ने जो प्यार मेरे पिताजी को दिया था, वहीं प्यार मुझे भी दें। इस बार कम समय मिलने के कारण मैं ज्यादा काम नहीं करा सका। लेकिन अगली बार मौका मिला तो मैं अपने आपको साबित करके दिखा दूंगा। मेरे क्षेत्र के विकास के लिए मेरे मन में बहुत प्लानिंग हैं। सबसे पहले तो सीवर लाइन डलवानी है। मेरी हमेशा कोशिश अपने वार्ड को विकास के मामले में मेरठ में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अव्वल वार्ड बनाने की रहेगी। अगर मेरे क्षेत्र के लोंगो का सहयोग मिला तो मैं यह करके भी दिखा दूंगा।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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