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Meerut Nagar Nigam Ward No.61: मेरठ नगर निगम वार्ड-61 शात्रीनगर एल.2 के बीजेपी पार्षद राजेश, दिन-रात रहते हैं जनता के बीच
Meerut Nagar Nigam Ward No.61 Parshad: मेरठ नगर निगम वार्ड-61 शात्रीनगर एल.2 के बीजेपी पार्षद राजेश कहते हैं कि वह दिन-रात जनता के बीच रहते हैं।
Meerut Nagar Nigam Ward No.61 Parshad: अपने वार्ड के लोंगो की जमीनी समस्याओं को बखूबी जानने वाले और उनका स्थाई हल खोज निकालने की सोच रखने वाले करीब 50 वर्षीय राजेश नगर निगम वार्ड-61(शात्रीनगर एल.2) के बीजेपी पार्षद हैं। इनकी सबसे बड़ी खूबी यही है कि क्षेत्र की किसी भी समस्या के समाधान के लिए इस बात के लिए अपना समय बरबाद नहीं करते कि कोई उन्हें शिकायत करेगा तब जाकर वें उस समस्या का समाधान करने की दशा में आगे बढ़ेंगे। बता दें कि राजेश पिछले चुनाव में बीजेपी के टिकट पर 43.49 फीसदी मत लेकर पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे।
राजेश कहते हैं,"मैं अब तक करीब 6-7 करोड़ रुपये के विकास के काम अब तक क्षेत्र में करा चुका हूं।" दूसरे पार्षदों की मानिन्द राजेश को भी इस बात का गहरा मलाल है कि कोरोना और एमपी, एमएलए चुनाव आचार संहिता के कारण वह अपने कई महत्वपूर्ण कामों को अमलीजामा नहीं पहना सके। फिर भी राजेश बताते हैं जितना संभव हो सका, मैंने क्षेत्र के लिए जरुरी कामों को कराया। जैसाकि सेक्टर-13 में जो कि कई सालों से नगर निगम के हैंड ओवर नहीं हुआ था। इस कारण इस क्षेत्र की हालत बहुत खराब थी। उन्होंने प्रयास करके सेक्टर-13 को नगर निगम में हैंड ओवर ही नहीं करवाया। इस क्षेत्र की 1 करोड़ 64 लाख रूपये के बजट में नाला, नाली, खंडजे आदि का निर्माण भी कराया। इसके अलावा हापुड़ चुंगी पर सुलभ शौचालय और आईटीओ पुल पर सड़क निर्माण का करा कर यहां चली आ रही जाम की समस्या का समाधान कराया।
राजेश के अनुसार उनके क्षेत्र में स्कूल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं। आपके क्षेत्र में पानी और सीवेज व्यवस्था की स्थिति क्या है। इस सवाल के जवाब में राजेश कहते हैं,पानी की तो कोई समस्या नहीं है। अलबत्ता सीवेज की स्थित थोड़ी खराब है, जिसको ठीक कराने के लिए मैं प्रयासरत हूं। दरअसल,इस क्षेत्र में काफी पुरानी सीवर लाइन डली हुई है। यही नहीं, पाइप भी छह इंची की है,जो कि जरुरत केहिसाब से काफी छोटी है। राजेश अपने क्षेत्र की कई समस्याओं का समाधान नहीं होने का ठीकरा बसपा की मेयर पर भी फोड़ते हैं। वह कहते हैं, बसपा की मेयर बीजेपी पार्षदों की फाइलो में अडंगा लगाने की कोशिश में लगी रहती हैं। जो कि ठीक बात नहीं है। क्योंकि काम हमारे नहीं होते हैं जनता के होते हैं। मेयर यह भूल जाती हैं कि उन्हें जनता ने ही चुना है।
जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल के जवाब में मुस्करा कर राजेश कहते हैं,"मैं तो दिन-रात जनता के बीच ही रहता हूं। यही नहीं अपना पैड और मोहर भी स्कूटर की डिग्गी में रखता हूं। यानी मेरा स्कूटर मेरा चलता-फिरता दफ्तर है। इसके अलावा मैने अपना दफ्तर भी मैन रोड पर खोल रखा है।
आपका भविष्य का क्या प्लान क्या हैं। इस सवाल के जवाब में राजेश कहते हैं,अपने अधूरे कामों के पूरा करने के लिए दोबारा चुनाव लड़ना है।