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Meerut Nagar Nigam Ward No.63: मेरठ एल ब्लाक शास्त्रीनगर वार्ड के पार्षद अनुज वशिष्ठ, लॉक डाउन के चलते जितना काम कराना चाहता था नहीं करा पाया
Meerut Nagar Nigam Ward No.51 Parshad: कोरोना के चलते ढाई साल वैसे ही बेकार चले गए। जितना काम कराने के लिए सोचा था उतना काम नहीं करा पाया।
Meerut Nagar Nigam Ward No.51 Parshad: मेरठ नगर निगम वार्ड-63( एल ब्लाक शास्त्रीनगर) के बीजेपी पार्षद अनुज वशिष्ठ अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में कराए गए काम से खुद को संतुष्ट नहीं बताते हैं। वह कहते हैं,कोरोना के चलते ढाई साल वैसे ही बेकार चले गए। जितना काम कराने के लिए सोचा था उतना काम नहीं करा पाया। फिर भी बीजेपी पार्षद ढाई साल में आठ से दस करोड़ रुपये के काम कराने का दावा करते हैं।
पिछले चुनाव में 38.72 मत हासिल करने करने वाले 38 वर्षीय अनुज वशिष्ठ बेशक पहली बार पार्षद बने हैं । लेकिन उनके पिता अरुण वशिष्ठ मेरठ के कद्दावर भाजपा के पुराने व्यापारी नेताओं में शामिल हैं। अनुज वशिष्ठ कहते हैं,"राजनीति का ककहरा मैने पापा से ही सीखा है।" बकौल अनुज वशिष्ठ,"पिताजी यही कहते हैं, जीवन में जो कुछ भी करो,ईमानदारी और मेहनत से करो। उसका फल अवश्य मिलेगा। इसलिए मैं जो कुछ भी करता हूं। पूरी ईमानदारी और मेहनत से करता हूं। इसलिए पार्षद बनने के बाद अपने क्षेत्र के लोगों की जितनी भी तकलीफ दूर कर सकता था। मैने दूर करने की ईमानदारी से पूरी कोशिश की है।"
पार्षद अनुज के अनुसार उनके द्वारा क्षेत्र में करीब आठ से दस करोड़ रुपये के काम अब तक कराए जा चुके हैं। इनमें सड़क,गलियां,नाले का निर्माण शामिल है। वे कहते हैं,"कुल मिला कर मैं अपने क्षेत्र की छोटी-बड़ी 32 सड़कों का निर्माण करा चुका हूं। जब मैं पार्षद बना था मेरे क्षेत्र का प्रवेश विहार इलाका सड़को,गलियों के नाम पर पूरा कच्चा था। आज इस क्षेत्र की 95 फीसदी सड़के,गलियां पक्की हैं। मेरे द्वारा जल निकासी के लिए 30 लाख रुपये की लागत में क्षेत्र में 650 मीटर लंबा नाले का निर्माण कराया गया। नालिंया बनवाई। पार्को की रंग-पुताई कराई। यही नहीं, पार्षद बनने के आठ महीने के अंदर मेरे द्वारा क्षेत्र के दो बड़े अवैध कूड़ा घरों को हटवाया गया,जिनसे इलाके की जनता बहुत त्रस्त थी।
पार्षद अनुज वशिष्ठ जनता से जुड़े होने के सवाल पर कहते हैं," मैं शुरु से ही जनता से जुड़ा रहा हूं। जब मैं दिसम्बर-17 में पहली बार पार्षद चुना गया तो सबसे पहले मैने व्हाट्स-अप पर जन समस्या परिषद के नाम से इलाके के लोंगो का एक ग्रुप बनाया। इस ग्रुप में क्षेत्र की हर गली से ढाई सौ से अधिक लोग जुड़े हैं। इस ग्रुप के माध्यम से मुझे क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी समस्याओं का इलाके के लोगों के माध्यम से पता चलता रहता है। हर समस्या का मैं तत्काल समाधान कराने की कोशिश करता हूं।"
कोरोना काल का जिक्र करते हुए अनुज वशिष्ठ कहते हैं," कोरोना काल में हमने जन रसोई बनाई। इस रसोई में 900 पैकट खाना तैयार करा कर उसे क्षेत्र के जरुरतमंदो तक पहुंचाया। यह रसोई लगातार 40 दिन तक चली। इस दौरान हमारे पास हमारे वार्ड के अलावा दूसरे किसी क्षेत्र का भी कोई जरुरतमंद आया हमने उसे खाने का पैकट उपलब्ध कराया। कहने का मतलब यह है कि हमारे पास जो भी आया,खाली हाथ नहीं गया।"