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Meerut Nagar Nigam Ward No.73: मेरठ मंजूर नगर वार्ड के पार्षद अब्दुल गफ्फार, पीड़ित था राजनीतिक लोंगो से इसलिए मैं खुद नेता बन गया
Meerut Nagar Nigam Ward No.73 Parshad: अब्दुल गफ्फार बताते हैं कि उनके द्वारा अब तक अपने क्षेत्र में करीब तीन-चार करोड़ रुपये के काम कराए जा चुके हैं।
Meerut Nagar Nigam Ward No.73 Parshad: 25 हजार आबादी वाले नगर निगम वार्ड-73 (मंजूर नगर)के पार्षद अब्दुल गफ्फार नगर में अकेले ऐसे पार्षद हैं,जो अपने वार्ड में ही नहीं आसपास के वार्डो में भी काफी लोकप्रिय हैं। इसकी वजह यही है कि उनका अधिकांश समय क्षेत्र के लोंगो के बीच उनकी समस्या सुनने और उसके समाधान कराने में ही गुजरता है। पिछले चुनाव में बीएसपी के टिकट पर लड़े अब्दुल गफ्फार 29.71 फीसदी मत लेकर पार्षद का चुनाव जीते थे। हालांकि उनका कहना है कि उन्हें जो पार्टी टिकट दे देती हैं। उसी पार्टी से चुनाव लड़ जाते हैं। तनिक मुस्करा कर आगे कहते हैं,"मुझे तो यही नहीं पता कि में किस पार्टी में हूं।" बकौल,अब्दुल गफ्फार पार्षदी के रुप में यह उनकी तीसरी पारी है।
Newstrack से बातचीत में अब्दुल गफ्फार बताते हैं कि उनके द्वारा अब तक अपने क्षेत्र में करीब तीन-चार करोड़ रुपये के काम कराए जा चुके हैं। फैसल मस्जिद वाला रोड है । सैक्टर-10 वाला रोड है। ओडियन नाले की दीवार है। करीब दो करोड़ रुपये का हापुड़ रोड पर शुम्भूगेट से लेकर पुराने कमेले तक नाला बनवाया है। बाले मियां कब्रिस्तान वाला रास्ता आर पटेल मंडप वाला रास्ता जो नौचंदी को जाता है। यहां पर सड़क नाम की कोई चीज नहीं है। गढ़्ढ़े ही गढ्ढे हैं। यही बड़ा काम है जो अभी नहीं हुआ है। वैसे इसका इस्टीमेट वगैरह फाइनल हो चुका है। बस बजट की प्रॉब्लम है। दो ढाई साल तो कोरोना में ही चले गये। पांच साल में ढाई साल का ही मौका मिला है हमें।
आपके क्षेत्र में स्कूल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कितने है। इस सवाल के जवाब में अब्दुल गफ्फार कहते हैं,"क्षेत्र में एक ही प्राइमरी स्कूल है। इसकी हालत ना ठीक है ना खराब। इसका एक इस्टीमेट बना था। सरकार की एक योजना आई थी। तीन साल पहले तमाम शहर के प्राइमरी पाठशालाओं के सौन्दर्यकरण की। लेकिन धरातल पर भी कुछ नहीं हुआ। धूल ही फांक रही हैं फाइलें। स्वास्थ्य केंन्द्र हमारे यहां है नहीं।" आपके क्षेत्र में पानी और सीवेज व्यवस्था की स्थिति क्या है। इसके जवाब में अब्दुल गफ्फार कहते हैं,"पानी की तो मेरे यहां कोई समस्या नहीं है। सीवर हमारे यहां डला ही नहीं है।"
जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल पर अब्दुल गफ्फार कहते हैं-सुबह पांच बजे से 10 बजे तक और रात को 10 बजे से 12-1 बजे तक। यानी जब तक लोग बैठे हैं। सुबह 10 बजे से 12 बजे तक क्षेत्र का दौरा। 12 बजे के बाद नगर निगम फिर शाम 6 बजे से रात के 9 बजे तक क्षेत्र का दौरा। आप अपना रोल मॉडल किसे मानते हैं? इस सवाल के जवाब में अब्दुल गफ्फार कहते हैं,"मेरे चार गुरु हैं। उनमें सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, अब्दुल वाहिद,अनिल रस्तोगी व पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा। इनमें अब्दुल वाहिद व अनिल रस्तौगी अब इस दुनिया में नहीं हैं।" राजनीति में क्यों आए? इस सवाल के जवाब में अब्दुल गफ्फार कहते हैं,"दरअसल,पीड़ित था राजनीतिक लोंगो से। जब उनकी मेरे को जरुरत थी। काम नहीं आये। इसलिए मैं खुद बन गया नेता।" राजनीति में नहीं आते तो क्या करते? इस सवाल के जवाब में मुस्करा कर अब्दुल गफ्फार कहते हैं-कारोबार है मेरा उसको आगे बढ़ाता और क्या।