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Meerut Nagar Nigam Ward No.19: वार्ड -19 के पार्षद ब्रह्म सिंह, महापौर और सरकार से नही दोस्ताना संबंध इसलिए विकास कार्यो में नही मिला सरकारी अफसरों का सहयोग
Meerut Nagar Nigam Ward No.19 Parshad: नगर निगम वार्ड -19 के पार्षद ब्रह्म सिंह ने कहा कि महापौर और सरकार से नही दोस्ताना संबंध इसलिए विकास कार्यो में नही मिला सरकारी अफसरों का सहयोग।
Meerut Nagar Nigam Ward No.19 Parshad: करीब 30 हजार की आबादी वाले वार्ड -19 के पार्षद ब्रह्म सिंह नगर निगम अफसरों से खासे नाराज हैं। न्यूजट्रैक से बातचीत में करीब 47 वर्षीय ब्रह्म सिंह अपनी नाराजगी जताते हुए कहते हैं,"मेरे नगर निगम अफसरों से दोस्ताना संबंध नही हैं। इसलिए मेरे वार्ड के विकास कार्यो की फाइलें नगर निगम दफ्तर में दबी पड़ी रहती हैं।" ब्रह्म सिंह आगे कहते है,मेरे वार्ड में करीब दो करोड़ का ही विकास कार्य हो सका। इतना कम काम होने की वजह पूछने पर ब्रह्म सिंह कहते हैं,क्या करुं फाइलें ही नही लग पाती। दूसरे वार्डो की एक-एक-डेढ़ करोड़ की फाइल लग जाती है । लेकिन मेरे वार्ड की फाइलें दबी पड़ी रहती हैं। क्यों मेरे महापौर और सरकार से ज्यादा बढ़िया दोस्ताना संबंध नही है।
हम सिंह चुनाव तो निर्दलीय जीते थे। लेकिन 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए। क्षेत्र की समस्याओं के बावत पूछने पर उनका कहना था कि क्षेत्र में रास्तों की बड़ी समस्या है। टूटे-फूटे कच्चे रास्ते हैं। ब्रह्म सिंह कहते हैं,इसके अलावा बिजली और सीवेज की व्यवस्था काफी खराब है। राजनीति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना रोल मॉडल बताने वाले ब्रह्म सिंह की मानें तो वें चुनाव नही लड़ना चाहते थे। लेकिन स्थानीय जनता की मांग पर उन्हें चुनाव लड़ना पड़ा। क्योंकि जनता की मांग पर चुनाव लड़ा था। इसलिए निर्दलीय होने के बावजूद मैं जीता भी। एक पार्षद के रूप में क्या आपके सामने कभी कोई ऐसा मामला आया है जिसे हल करना मुश्किल था? इस सवाल पर ब्रह्म सिंह निराशा के भाव में कहते हैं,मेरे वार्ड में डाबका पंचायत घर की हालत कई सालों से बहुत खराब पड़ी है। इसकी मरम्मत के लिए मेरी फाइल तीन साल से भी अधिक समय से नगर निगम दफ्तर में अटकी पड़ी है। मुझे अफसोस है कि इस टर्म में डाबका पचांयत घर की हालत में नही सुधार सका।
जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल के जवाब में पार्षद ब्रह्म सिंह कहते हैं,पेशे से मैं वकील हूं। इसलिए मैं सुबह सात बजे से दस बजे तक जनता से मिलता हूं। इसके बाद कचहरी चला जाता हूं। शाम को कचहरी से आकर शाम छह बजे से रात के दस बजे तक फिर जनता को समय देता हूं। ब्रह्म सिंह बातो-बातो में यह भी साफ करते हैं उनके यहां किसी के भी साथ जातधर्म व पार्टी को लेकर भेदभाव नही होता है। उनके कोई भी अपनी समस्या के लिए मिल सकता है।
आपका भविष्य का क्या प्लान? इस सवाल पर ब्रह्म सिंह कहते हैं। वकालत करुंगा। ऐसा क्यों? यह पूछने पर ब्रह्म सिंह कहते हैं,क्या करुं पार्षदी में मात्र 1500/- रुपये प्रति माह मान देय मिलता है। इतने में आज के दौर में होता ही क्या है। जबकि पार्षदी में इससे कहीं अधिक जन कार्यो के लिए खर्च करना पड़ता है। कम से कम 40-45 हजार तो हर महीने पार्षदों को मिलने ही चाहिए। हालांकि क्षेत्र के लोग एक बार फिर मेरे चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं।