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Meerut News: आईपीआर पर आयोजित हुआ अवेयरनेस प्रोग्राम, जीआई टैग से रूबरू हुए छात्र
CCSU News: मुख्य वक्ता हेमंत खोसला द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न स्वरूपों के बारे में जानकारी दी। जिसमें कॉपीराइट के अधिकारों पर किस तरीके से लेखक द्वारा दावा किया जा सकता है।
CCSU News: विधि अध्ययन संस्थान, चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय के मूट कोर्ट हॉल में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इण्डस्ट्री एण्ड इंटरनल ट्रेड के द्वारा आई पी आर अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता हेमंत खोसला उपनिबंधक कॉपीराइट ट्रेडमार्क भारत सरकार जोकि विभाग के पुरातन छात्र रहे है।
कार्यक्रम का शुभारंभ विभाग के समन्वयक डॉ.विवेक कुमार के द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
छात्रों को दी गई कॉपीराइट समेत अन्य नियमों की जानकारी
मुख्य वक्ता हेमंत खोसला द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न स्वरूपों के बारे में जानकारी दी। जिसमें कॉपीराइट के अधिकारों पर किस तरीके से लेखक द्वारा दावा किया जा सकता है, विषय पर प्रकाश डाला एवं पेटेंट अधिनियम के अंतर्गत किस तरीके से अपने आविष्कार पर पेटेंट का अधिकार प्राप्त हो सकता है साथ ही उन्होंने समस्त छात्रों को जीआई टैग और भारत सरकार द्वारा विभिन्न उत्पादों की जी आई टैगिंग एवं उसके विक्रय एवं क्रय को बढ़ावा देने वाली योजना पर सविस्तार जानकारी दी।
उन्होनें कहां कि मेरठ में इस तरह का कोई केंद्र नहीं है। इच्छुक व्यक्ति केंद्र खोल सकते हैं तथा उन्होंने विभाग के समस्त छात्रों को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इण्डस्ट्री एण्ड इंटरनल ट्रेड के द्वारा इंटरनशिप हेतु विभाग के माध्यम से आवेदन करने के लिये आमंत्रित किया और हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।
इस मौके पर डॉ.अपेक्षा चौधरी के द्वारा कुशल संचालन किया एवं अंत में विभाग कि शिक्षिका श्रीमती सुदेशना द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक डॉ.विकास कुमार, डॉ.धनपाल सिंह, डॉ.सुशील कुमार शर्मा, डॉ.महिपाल सिंह, डॉ.मिनाक्षी, शेख अरशद, अपूर्व मित्तल तथा संस्थान के समस्त छात्र उपस्थित रहे।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती समारोह पर आयोजित हुआ प्रोग्राम
वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मनोमस्तिष्क में रानी लक्ष्मीबाई की छवि उभरने लगती है। भारतीय वसुंधरा को अपने वीरोचित भाव से गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सच्चे अर्थों में वीरांगना ही थीं। वे भारतीय महिलाओं के समक्ष अपने जीवन काल में ही ऐसा आदर्श स्थापित करके विदा हुईं, जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है।
कहा जाता है कि सच्चे वीर को कोई भी प्रलोभन अपने कर्तव्य से विमुख नहीं कर सकता। ऐसा ही रानी लक्ष्मीबाई का जीवन था। उनके मन में अपने राज्य और राष्ट्र से एकात्म स्थापित करने वाली भक्ति हमेशा विद्यमान रही।
वीरांगना के मन में हमेशा यह बात कचोटती रही कि देश के दुश्मन अंग्रेजों को सबक सिखाया जाए। इसी कारण उन्होंने यह घोषणा की कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। इतिहास बताता है कि इस घोषणा के बाद रानी ने अंग्रेजों से युद्ध किया।
कार्यक्रम में वीसी समेत मौजूद रहें कई शिक्षकगण
रानी लक्ष्मीबाई जयंती समारोह 2022 के उपलक्ष्य में छात्रावास में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे रानी लक्ष्मीबाई के चरित्र के पहलुओं को दर्शाते हुए एक मार्मिक एवं भावपूर्ण मंचन हुआ। जिसने दर्शकों को भावुक कर दिया। इससे पूर्व रानी लक्ष्मीबाई जयंती के उपलक्ष्य में हवन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला, मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो रूपनारायण, प्रो.नीरज सिंघल, प्रो.दिनेश कुमार और अन्य छात्रावासों के अधीक्षक और सह अधीक्षकों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम को संपन्न करने में मुख्य योगदान रानी लक्ष्मीबाई छात्रावास की सह अधीक्षक डा.वंदना और डा.दिव्य शर्मा का रहा। निकिता देशवाल, रूपांशी तोमर, इतिका चौहान, तान्या चौहान, डेजी शर्मा, अनुष्का पायला, आकांक्षा त्यागी, विदुषी चौहान आदि मौजूद रहे।