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Meerut News: चौधरी चरण सिंह और बाबा टिकैत की फोटो लगे ट्रैक्टर से किसान दिल्ली के लिए रवाना

Meerut News: गुरुवार को सहारनपुर के नागल से शुरू हुई किसान ट्रैक्टर यात्रा मेरठ के सिवाया टोल पर रात्रि विश्राम करने के बाद आज सुबह करीब 9:30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Ashiki
Published on: 25 Jun 2021 10:50 AM GMT
Meerut News: चौधरी चरण सिंह और बाबा टिकैत की फोटो लगे ट्रैक्टर से किसान दिल्ली के लिए रवाना
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सिवाया टोल पर रात्रि विश्राम करने के बाद आज सुबह दिल्ली के लिए रवाना गये किसान 

Meerut News: गुरुवार को सहारनपुर के नागल से शुरू हुई किसान ट्रैक्टर यात्रा मेरठ के सिवाया टोल पर रात्रि विश्राम करने के बाद आज सुबह करीब 9:30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सिवाया टोल प्लाजा से शुरू हुई किसान ट्रैक्टर यात्रा के कारण मोदीपुरम से परतापुर तक ट्रैफिक व्यवस्था धड़ाम हो गई। वाहनों को जैसे-तैसे निकाला गया। मोदीपुरम, कंकरखेड़ा ,बागपत बाईपास से परतापुर तक लंबा जाम लग गया। जाम के कारण लोंगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मेरठ से किसान रैली शुरू करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि किसान अपनी मांगे माने जाने तक घर वापसी को तैयार नही हैं। कृषि कानूनों की वापसी के लिए किसानों ने करो या मरो का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि किसान कृषि कानूनों को वापस कराकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अब 2022 के चुनाव में भी सोच-समझ कर फैसला करेंगे। आंदोलन जारी रहेगा। गाजीपुर बॉर्डर पर 26 को होने वाली किसान महापंचायत में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

बड़ी संख्या में किसानों के ट्रैक्टर और गाड़ियों के काफिले के साथ यात्रा शुरू हुई है।किसानों के ट्रैक्टर में बाबा टिकैत और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के फोटो लगे हुए हैं। किसान जय जवान, जय किसान, बाबा टिकैत अमर रहे के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। किसान 26 जून को गाजीपुर बॉर्डर पर होने पर होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे। 26 जून को ही आंदोलन के पीछे की वजह को लेकर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत कहते हैं कि सात माह पूर्व इसी तिथि को कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की शुरुआत हुई थी। जिस भी सरकार ने तानाशाही की, उसका हमेशा ही विरोध किया गया है।


इससे पहले भारतीय किसान यूनियन की किसान यात्रा के पहुंचने से पहले ही पदाधिकारियों ने टोल प्लाजा को फ्री करा दिया। शिवाया टोल प्लाजा पर आठ लाइन पर किसानों का कब्जा रहा। दो आने और जाने की लाइन किसानों ने हंगामे के दौरान फ्री करा दीं, जो देर रात तक फ्री रही। इसलिए इस किसान टोल प्लाजा के पास ही नीचे गद्दे लगा कर सो गए। किसानों का आरोप था कि यहां पर प्रशासन ने किसानों के लिए यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं की है, जिस कारण किसान परेशान है। टोल फ्री शुक्रवार सुबह करीब सवा नौ बजे तक चला। 13 घंटे तक चले टोल फ्री से वेस्टर्न यूपी टोलवे कंपनी को छह लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। टोल प्लाजा कंपनी के जीएम वैभव शर्मा ने बताया कि छह लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जिसके संदर्भ में एक पत्र एनएचएआइ के अलावा केंद्र सरकार को भी भेजा जाएगा।


सरकार को अपनी जिद छोड़नी ही पड़ेगी- जयंत

उधर,राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार को अपनी जिद छोड़ कर नये कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा। इसको लेकर जयन्त चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। पत्र में जयंत चौधरी ने कहा है कि किसानों ने कोरोना लाकडाउन में देश की जनता का पेट भरा और अर्थव्यवस्था को अपने कंधे पर थामे रखा। आज वही किसान अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के किसानों से एक फोन काल दूर वाले बयान को याद दिलाते हुए कहा कि जब ऐसी सकारात्मक बात कही तो लगा कि समाधान किया जा सकता है। सरकार के नुमाइंदे और मंत्रियों ने किसानों के साथ संवाद को स्थगित कर दिया ।

Ashiki

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