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Meerut: मातृ शिशु दर में कमी लाने में सरकारी महकमा गंभीर, निजी चिकित्सालय व नर्सिंग होम नहीं दिखा रहे दिलचस्पी

Meerut: मातृ शिशु दर में कमी लाने के लिए एक तरफ जहां सरकारी महकमा गंभीर है। वहीं, जिले के निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों द्वारा इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है।

Sushil Kumar
Published on: 24 Aug 2022 9:02 PM IST
Meerut News In Hindi
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सरकारी महकमा ने की बैठक। 

Meerut: मातृ शिशु दर (maternal child rate) में कमी लाने के लिए एक तरफ जहां सरकारी महकमा गंभीर है। वहीं, जिले के निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों द्वारा इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। यही कारण है कि जिला स्वास्थ्य महकमें (District Heath Department) को प्रसव संबंधी सेवाओं, परिवार कल्याण कार्यक्रम, बच्चों के नियमित टीकाकरण, मातृ एवं शिशु जन्म व मृत्यु रिपोर्ट आदि की नवीनतम व अपडेटेड रिपोर्ट या तो मिल ही नहीं रही है या फिर बहुत कम मिल रही है।

जिला स्वास्थ्य महकमें ने चिंता जताई

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन (Chief Medical Officer Dr. Akhilesh Mohan) की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में इस पर जिला स्वास्थ्य महकमें द्वारा चिंता जताई है। यह बैठक मातृ शिशु दर में कमी लाने एवं जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों से मातृ व शिशु स्वास्थ्य देखभाल, नियमित टीकाकरण, परिवार कल्याण की सेवाओं की रिपोर्ट ससमय प्रदान कराने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (Chief Medical Officer Office) में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधन व पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित की गई।

बैठक में सीएमओ ने निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों से आए चिकित्सकों, प्रबन्धकों व अन्य कर्मियों से कहा कि वह हर माह की 21 से 20 तारीख और अधिकतम 25 तारीख तक प्रसव संबंधी सेवाओं, परिवार कल्याण कार्यक्रम, बच्चों के नियमित टीकाकरण, मातृ एवं शिशु जन्म व मृत्यु रिपोर्ट आदि की नवीनतम व अपडेटेड रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजना सुनिश्चित करें। यह रिपोर्ट संकलित कर भारत सरकार (Indian Government) के पोर्टल हेल्थ मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (Health Management and Information System) और रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ (reproductive and child health) पर अंकित की जाती है जिससे जनपद सहित अन्य जनपदों की रैंकिंग निर्धारित होती है। वर्तमान में जनपद के करीब 180 निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थान पंजीकृत हो चुके हैं। लेकिन इन समस्त निजी चिकित्सालयों में की ओर से 25 चिकित्सालयों से रिपोर्ट मिल पर रही है । जोकि बहुत कम हैं उन्होने ज़ोर दिया कि यदि जनपद के सभी निजी चिकित्सालय ससमय रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करेंगे तो जनपद को प्रदेश स्तर बढ़ेगा।

रिपोर्टिंग में गलती से बचने के लिए फार्मेट में किये कुछ बदलाव: पोर्टल ऑपरेटर

इस दौरान जिला एचएमआईएस पोर्टल ऑपरेटर मनीष (District HMIS Portal Operator Manish) ने इसके बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार (Indian Government) का महत्वपूर्ण पोर्टल है। इसमें पारदर्शिता के साथ सही जानकारी भी है। उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग में गलती से बचने के लिए फार्मेट में कुछ बदलाव किये गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग हमेशा तत्पर: CMO

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ विश्वास चौधरी (Additional Chief Medical Officer Family Welfare Dr. Vishwas Choudhary) ने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों सहित समस्त निजी चिकित्सालयों को सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा तत्पर है। निजी चिकित्सालयों की ओर से जितना बेहतर सहयोग मिलेगा उतना बेहतर परिणाम व सेवाएँ जन मानस को मिल सकेंगी।

स्वास्थ्य विभाग करें पूर्ण सहयोग : डाॅ जावेद हुसैन

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनयूएचएम डाॅ जावेद हुसैन (Additional Chief Medical Officer NUHM Dr Javed Hussain) ने समस्त निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों से अपील की वह स्वास्थ्य विभाग के इस कार्य में पूर्ण सहयोग करें। यदि डाटा फीडिंग में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही हो तो डाटा मैनेजर सहित प्रत्येक कार्यक्रम के नोडल अधिकारी से लगातार संपर्क कर सकते हैं ।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर प्राइवेट नर्सिंग होम, अस्पताल, स्वास्थ्यकर्मियों सहित पीएसआई इंडिया से कोमल घई व यूपीटीएसयू से जितेंद्र सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक,अर्बन हेल्थ कोरिडनेटर, एआरओ आदि मौजूद रहे।



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Deepak Kumar

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