Meerut: पैरोल पर छोड़े गए बंदियों को रास आई खुली हवा, नहीं लौट रहे जेल में

मेरठ जेल के ऐसे फरार बंदियों की संख्या 11 है। मेरठ जेल के जेलर मनीष कुमार ने न्यूजट्रैक को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में बंदियों को पैरोल पर जेल से रिहा किया गया था।

Sushil Kumar
Published on: 12 July 2022 2:57 PM GMT
Meerut: पैरोल पर छोड़े गए बंदियों को रास आई खुली हवा, नहीं लौट रहे जेल में
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Meerut: पैरोल पर छोड़े गए बंदियों को रास आई खुली हवा, नहीं लौट रहे जेल में (Image: Social Media)

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Meerut: जेल में बंद बंदियों को कोरोना काल में पैराल पर रिहा किया गया। जिसके बाद उन्हें खुली हवा अच्छी लगने लगी है। जिस कारण अब वह जेल में वापस नहीं आ रहे है। कुछ ही बंदी वापस लौटे हैं। ऐसे में जेल नही लौटने वाले बंदियों को लेकर अब पुलिस परेशान हो रही है।

मेरठ जेल के ऐसे फरार बंदियों की संख्या 11 है। मेरठ जेल के जेलर मनीष कुमार ने न्यूजट्रैक को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में बंदियों को पैरोल पर जेल से रिहा किया गया था। मेरठ जेल से 42 बंदी छोडे गए थे। इनमें से 31 वापस आ गए हैं। जबकि, 11 वापस नहीं लौटे इसकी सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेहरठ कार्यालय को भेजी गई है। मनीष कुमार के अनुसार फरार बंदियों को गिरफ्तार कर वापस जेल भेजा जाएगा।

बता दें कि अधिकांश जेलों में निर्धारित क्षमता से अधिक बंदी हैं। मेरठ ज़िला कारागार में 55 प्रतिशत ओवरलोड हैं। यहां 1800 की क्षमता के सापेक्ष 2500 बंदी मौजूद हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शासन ने जेल का भार कम करने के लिए सात साल से कम सजा वाले बंदियों को 8 सप्ताह के पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए गए थे। इसी आदेश के क्रम में जेल से भी 42 बंदी पैरोल पर रिहा किए गए थे। कोराना का प्रकोप बढ़ा तो पैरोल की अवधि भी बढ़ा दी गई। बीती 15 मार्च को अवधि समाप्त हो गई। इसलिए इन सभी बंदियों को जेल वापस आना था लेकिन 31 बंदी तो वापस जेल लौट आए लेकिन,11 बंदी पैरोल खत्म होने पर भी वापस नहीं आए।

जेल सूत्रों के मुताबिक पेरोल खत्म होने के बावजूद वापस न आने वाले बंदियों से उनके दूरभाष नंबर पर संपर्क किया। इनमें से कुछ बंदियों और उनके परिजनों से बात भी हुईं। कुछ बंदियों ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए किराया न होने की बात कही। इस पर जेल के अधिकारियों ने किराया देने का भी आश्वासन दिया लेकिन इसके बाद भी वह नहीं लौटे। कुछ बंदी एक-दो दिन में आने का झांसा देते रहे लेकिन बाद में उन्होंने अपने मोबाइल बंद कर लिए।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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