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Meerut News: पशुओं का सरकारी स्कूल पर कब्जा, बच्चे बाहर पढ़ने को मजबूर
Meerut News: घटना जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर पिलोना गांव की है। जहां छुट्टा पशुओं के चलते सरकारी स्कूल के बच्चों को शिक्षकों को मजबूरी में स्कूल के बाहर पढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
Meerut News Today: 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनी छुट्टा पशुओं की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। छुट्टा पशुओं को गोशाला में पहुंचाने के प्रशासन के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। हालात यह है कि यह समस्या अब किसानों की ही नहीं सरकारी स्कूली बच्चों के लिए भी परेशानी का सबव बन चुकी है,जिन्हें छुट्टा पशुओं के चलते स्कूल के बाहर पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। घटना जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर पिलोना गांव की है। जहां छुट्टा पशुओं के चलते सरकारी स्कूल के बच्चों को शिक्षकों को मजबूरी में स्कूल के बाहर पढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इनके सहयोग से पशुओं को पहुचांया गया गौशाला
बेसिक शिक्षा अधिकारी विश्वदीपक त्रिपाठी ने न्यूजट्रैक से बातचीत में घटना की पुष्टि तो की है लेकिन उनका कहना है कि फिलहाल जिला प्रशासन के सहयोग से स्कूल के अंदर बंधे छुट्टा पशुओं को आज वहां से निकाल कर गौशाला में पहुंचा दिया गया है। जिसके बाद स्कूल के बच्चे पूर्व की तरह स्कूल के अंदर ही कमरों में पढ़ने लगे हैं।
पशुओं के आंतक से परेशान है ग्रामीण
पिलोना गांव में छुट्टा पशुओं का बड़ा आंतक है। क्षेत्र के किसानों के अनुसार छुच्टा पशु गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी फसलें चौपट कर दी गई है। छुट्टा पशुओं से अपनी फसल के बरबाद होने से बचाने के लिए कुछ दिन पहले पहले ग्रामीणों ने फसलों को नुकसान पहुंचा रहे करीब दो दर्जन पशुओं को पकड़ कर गांव के पिलोना प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 में स्कूल में बंद कर दिया था। बुधवार को जब शिक्षक और बच्चे स्कूल पहुंचे तो स्कूल के अंदर छुट्टा पशुओं को बंधा देखकर बच्चों को स्कूल के बाहर गेट पर ही शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर होना पड़ा।
दरअसल, छुट्टा पशुओं की समस्या अकेले मेरठ की नहीं पूरे उत्तर प्रदेश की है। उत्तर प्रदेश का किसान इन दिनों छुट्टा पशुओं से खासा परेशान है। आलम यह है कि फसल बचाने के लिए किसान ठंड की रात में खेत पर रहने को मजबूर है। कई किसानों की ठंड से मौत भी हो गई। उत्तर प्रदेश के गांव रुझाई, देवराकला ( उन्नाव), पिपरोखर( झांसी) समेत प्रदेश के कई गांवों से किसानों की ठंड के चलते मौत की खबरें आ चुकी है। बता दें कि विपक्ष जहाँ छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर आक्रामक था, वहीं मौजूदा सरकार इसे लेकर नीतियाँ बनाने की बात कह रही थी।