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मेरठ 2017 : राजनीति के हिसाब से काफी उथल-पुथल वाला रहा मंडल

raghvendra
Published on: 29 Dec 2017 3:00 PM IST
मेरठ 2017 : राजनीति के हिसाब से काफी उथल-पुथल वाला रहा मंडल
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मेरठ : वर्ष 2017 मेरठ मंडल की राजनीति के हिसाब से काफी उथल-पुथल वाला रहा। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मंडल की 28 में से 25 सीटों पर कब्जा कर राजनीतिक खेमे में खलबली मचा दी। बसपा, सपा और रालोद को एक-एक सीट ही मिल सकी जबकि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका। अलबत्ता साल बीतते-बीतते भाजपा की कामयाबी का ग्राफ तब नीचे उतरता दिखा जब उसे नगर निगम चुनावों में अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी।

मेयर चुनाव में वह गाजियाबाद सीट पर ही सफल हो सकी जबकि मेरठ में मेयर पद उसे गंवाना पड़ा। यहां बसपा को सफलता मिली जो कि पहली बार नगर निगम चुनाव में उतरी थी। पूर्व मंत्री मैराजुद्दीन कांग्रेस छोडक़र रालोद में जबकि पूर्व मंत्री नवाब कोकब हमीद के बेटे अहमद हमीद बसपा छोड़ कर रालोद में शामिल हुए। इसके अलावा पूर्व मंत्री ताराचंद शास्त्री ने भी 2017 में रालोद का साथ छोडक़र सपा का दामन थाम लिया।

कई लोगों पर गिरी घोटालों की गाज

2017 में भ्रष्ट सरकारी अफसरों और कर्मचारियों में भी खूब खौफ दिखा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे एवं ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में 25 करोड़ से ज्यादा का घोटाला करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने नोटिस जारी किये। इस मामले में पीसीएस अफसर घनश्याम को निलंबित भी किया गया।

इसके अलावा मेरठ विकास प्राधिकरण में हुए वायर घोटाले में तीन इंजीनियरों को जेल की हवा खानी पड़ी। मेरठ के डिप्टी सीएमओ को भी एक चिकित्सक से घूस लेने के आरोप में जेल जाना पड़ा। अफसोस की बात यह रही कि सरकारी दावों के बावजूद मेरठ मंडल के लोगों को साल के अंत तक गड्ढ़ों वाली सडक़ों से मुक्ति नहीं मिल सकी।

पूरे साल चर्चा में रहे भुवनेश्वर कुमार

2017 शिक्षा और खेल के क्षेत्र में भी खास रहा। शिक्षा के क्षेत्र में यशवद्र्घन तोमर का यश एनसीआर तक फैला,वहीं 12वीं में रम्या कौशिक ने जिला टॉप कर वाहवाही लूटी। खेलों में क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार,करन शर्मा और समीर रिजवी का खूब सिक्का चला। वहीं शूंटिंग में शपथ भारद्वाज और शार्दूल विहान के अचूक निशाने ने कई पदक बटोरे।

भुवनेश्वर कुमार ने खेल जीवन और निजी जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की। आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने विपक्षी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। 23 नवम्बर को अपनी बचपन की दोस्त नूपुर के साथ शादी के बंधन में बंधे।

फर्जी मुठभेड़ के आरोपों में घिरी पुलिस

मंडल की पुलिस पर अपराध नियंत्रण के नाम पर फर्जी मुठभेड़ों में बेकसूरों को मारने के आरोप खूब लगे। 25 हजारी बदमाश मंसूर को मेरठ पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारने का मामला हो या ग्रेटर नोएडा पुलिस द्वारा 50 हजार के इनामी बदमाश सुमित गुर्जर को मुठभेड़ में मारने का मामला हो, दोनों में ही पुलिस घिर गयी।

सुमित गुर्जर का मामला तो अभी तक ठंडा नहीं पड़ा है। साल के अंत में मेरठ मेडिकल कॉलेज में हुए बेली डांस के मामले ने भी खूब तूल पकड़ा। बेली डांस और निजी एबुंलेंस में शराब की पेटी रखने की शासन स्तर पर गूंज होने के बाद इस मामले की जांच शुरू हो गयी है।

जाने-माने उपन्यासकार और लगभग आधा दर्जन फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर वेद प्रकाश शर्मा (62) का 17 फरवरी की रात को गुजर जाना 2017 की दु:खद घटना रही। मेरठ निवासी 62 वर्षीय वेद प्रकाश शर्मा के बारे में कहा जाता है कि साल 1993 में पहले ही दिन उनके वर्दी वाला गुंडा नॉवेल की 15 लाख प्रतियां बिक गई थीं।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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