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Meerut: फिल्म बनने के बाद क्या करना पड़ता है फिल्म निर्माता को, फिल्म निर्देशक नितिन यदुवंशी ने दी जानकारी

Meerut News Today: तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में चल रही चार दिवसीय कार्यशाला का आज तीसरा दिन है।

Sushil Kumar
Published on: 4 Nov 2022 11:24 PM IST
Meerut News In Hindi
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जानकारी देते हुए फिल्म निर्देशक नितिन यदुवंशी

Meerut: फिल्म बनने के बाद फिल्म निर्माता को सेंसर सर्टिफिकेट लेने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के ऑफिस में संपर्क करना होता है। इस सर्टिफिकेट के बिना फिल्म को दिखाया नहीं जा सकता। सर्टिफिकेट लेने से पहले निर्माता को बताना होता है कि वह यह फिल्म किन लोगों के लिए बना रहा है।

सीबीएफसी के कुल 9 ऑफिस

सीबीएफसी (जिसे आम भाषा में सेंसर बोर्ड कहा जाता है) के कुल 9 ऑफिस हैं। ये दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरू, तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, कटक और गुवाहाटी में हैं। इन ऑफिस को ऐसी अलग-अलग जगहों पर खोला गया है जहां अलग-अलग भाषा में फिल्‍में बनाने वाले लोग आराम से इन तक पहुंच सकें। मुंबई के ऑफिस में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। यह बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में चल रही चार दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक नितिन यदुवंशी ने कही।

सेंसर बोर्ड में 22-25 सदस्‍य होते हैं: नितिन यदुवंशी

नितिन यदुवंशी ने कहा कि सेंसर बोर्ड में 22-25 सदस्‍य होते हैं। इसमें ऐसे लोगों को लिया जाता है जो सिनेमा को अच्छा बनाने और उसके विकास के लिए काम कर सकते हैं। सर्टिफिकेट लेने के लिए सबसे पहले जांच समिति फिल्म देखती है और तय करती है कि उसे यू, यू/ए और ए में से किस केटेगरी में रखना है। अगर कमेटी द्वारा तय की गई केटेगरी से निर्माता खुश है तो कोई बात नहीं, पर अगर वह संतुष्ट नहीं है तो वह फिल्म दोबारा देखने की गुजारिश कर सकता है। ऐसे में एक नई कमेटी फिल्म देखेगी। इस कमेटी में बोर्ड का एक सदस्य भी होगा। दूसरी बार फिल्म देखने के दौरान ही फिल्म में कट लगाए जाते हैं। ऐसे में निर्माता के पास मौका होता है कि बताए गए कट लगवाकर फिल्म के लिए वह सर्टिफिकेट ले ले जो वह चाहता है।

उन्होंने बताया कि हमारे सेंसर बोर्ड के साथ मुश्किल यह है कि वह अभी तक 1952 में बने नियमों के हिसाब से चल रहा है। ये सारे नियम अंग्रेजों द्वारा ही बनाए गए थे। लोग कई बार मांग कर चुके हैं कि इन नियमों को वक्त के हिसाब से बदला जाना चाहिए।

इस मौके पर ये रहे मौजूद

इस दौरान तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार के निदेशक प्रो0 प्रशांत कुमार, डा0 मनोज कुमार श्रीवास्तव, लव कुमार, अमरीश पाठक आदि मौजूद रहे।



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Deepak Kumar

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