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CM योगी के प्रयासों से नोएडा में बनी दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी, कलाकारों के सपनों को देगी नई उड़ान

Meerut News: प्रथम सत्र मास्टर क्लास के दौरान सुप्रसिद्ध अभिनेत्री गरिमा अग्रवाल ने कहा कि कैरेक्टर में अपने आप को रखकर सोचना पड़ता है बेस्ट किरदार को जीना पड़ता है दिल और दिमाग से उसे किरदार को सही साबित कर पाएंगे।

Sushil Kumar
Published on: 29 Oct 2023 7:24 PM IST
Navankur Film Festival In Meerut
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Navankur Film Festival In Meerut

Meerut News: जनपद में नवांकुर फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन मुख्य अतिथि तरुण राठी ने स्थानीय कलाकारों से कहा कि इतना शानदार प्लेट फार्म आप को मिला आप सभी विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। शॉर्ट फिल्म का क्षेत्र बहुत ही क्रिएटिव है, मेरठ जैसे छोटे शहर में इतना बड़ा सपना देखने के लिए मैं आपकी कदर और स्वागत करता हूं। वैसे तो मेरठ का इतिहास रहा है कि यहां को भूमि से एक्टर, लेखक, निर्देशक जन्मे हैं जो मुंबई तक पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी बन रही है, जो आपके जोश और सपनो को नई उड़ान देगी। अब आपको मुंबई जाकर संघर्ष करने, फुटपाथ पर रहने के लिए मजबूर होना नही पड़ेगा। मुंबई में रहना खाना संघर्ष करना हर किसी के बस की बात नहीं है।

अभिनेत्री गरिमा अग्रवाल सिखाया ऐक्टिंग के गुर

प्रथम सत्र मास्टर क्लास के दौरान सुप्रसिद्ध अभिनेत्री गरिमा अग्रवाल ने कहा कि कैरेक्टर में अपने आप को रखकर सोचना पड़ता है बेस्ट किरदार को जीना पड़ता है दिल और दिमाग से उसे किरदार को सही साबित कर पाएंगे। शूटिंग स्क्रिप्ट रॉ मेट्रियल होता है। फिल्म निर्माण में एडिटर का महत्वपूर्ण रोल होता है। उन्होंने कहा कि हमारा नेचर है कि हम नेगेटिव चीजों को देखने लगते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में आपको सफल होना है तो नकारात्मक चीजों को छोड़ना पड़ेगा।

गरिमा अग्रवाल ने छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि मुझे स्टार नहीं बनना मुझे अपनी कला से प्रेम है। काम आपको आपकी स्किल के अनुसार मिलेगा। हमेशा ध्यान रखना कि हमें बेसिक से चलना है। थिएटर आपको बहुत कुछ देता है। सिर्फ मुंबई जाने से एक्टर नहीं बन सकते। आपके अंदर कॉन्फिडेंस होना चाहिए। आपकी प्रेजेंटेशन कैसी है? आपके अंदर स्किल कितनी है? आप कैसे बोलते हैं? आपकी सीखने की क्षमता कितनी है? कैसा लिखते हैं? ये ज्यादा महत्वपूर्ण है।

शब्द बोलने, सुनने और जीने के लिए होते हैं

विशिष्ट अतिथि पदम सिंह ने फिल्म महोत्सव नवांकुर 2023 में आपके संबोधन में कहा कि शब्द बोलने सुनने और जीने के लिए होते हैं। शब्दों को जीना कठिन कार्य है, जो शब्दों को जीना जान गया वो देश धरती के लिए मिशाल बन गया। काव्य में एक ऐसी शक्ति होती है, कि व्यक्ति की भावना को झकझोंर देता हैं। नाटक कलाकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नाटक का कलाकार अपनी कला के प्रदर्शन से तन और मन दोनों को एक कर देता है। एक समय था जब फिल्मों में देश भक्ति की भावना देखने को मिलती थी। देशभक्ति की फिल्म बनाई जाती थी। लेकिन एक समय पर प्रायोजित तरीके से हमे इससे दूर रखने का प्रयास किया गया। अश्लीलता बढ़ गई, फिल्मों द्वारा भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का मटिया मेट करने का काम हो रहा है। पुरस्कार लेने की भावना की भावना के लिए स्टोरी को पर्दे पर नही लाना बल्कि ये सोच कर आना चाहिए कि मैं जो कर रहा हु वो सही है समाज व देश संस्कृति के हित में है। मैं देश को क्या दे रहा हू क्या दे सकता हूं ये सोच हमारे मन में फिल्म बनाते लिखते समय रहनी चाहिए। आज के दर्शक ये नहीं सोच रहे कि वो ताली क्यों बजा रहे हैं क्यों हस रहे हैं।

कंटेंट में दम रखें, एजेंडे वाली फिल्म बनाने से बचे-अनंत विजय

मुख्य अतिथि अनंत विजय ने कहा कि मेरठ में नवांकुर फिल्म महोत्सव का होना बहुत ही क्रांतिकारी परिवर्तन है। मैं इसके लिए आयोजन कर्ताओं और प्रतिभागियों को बहुतबहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप अपने कंटेंट में दम रखें, एजेंडे वाली फिल्म बनाने से बचे पिछले दिनों सभी एजेंडा धारी फिल्मे फ्लॉप हुई। यदि आपके कंटेंट का इंटेंट बुरा है तो दर्शक उसको रिजेक्ट कर देंगे, इंटेंट पर काम करे। देश में फिल्मी संस्कृति का निर्माण हुआ तो ये राष्ट्रनिर्माण में अवश्य काम आएंगी।नवांकुर के इस चौथे ही संस्करण में 131 से अधिक फिल्मों का आना बहुत ही आश्चर्य जनक बात है आप सब को इसके लिए बधाई।

10 फिल्में पुरस्कृत

नवांकुर 2023 के समापन सत्र में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ। जिसमे 45 फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद कुल 10 फिल्मों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

प्रथम श्रेणी 5 मिनट में

प्रथम पुरस्कार -चीज़ी

द्वितीय पुरस्कार- I Love my city

सांत्वना पुरस्कार

1. Thank you beta

2. Vrindavan

3. Mahatma vidhur

द्वितीय श्रेणी 15 मिनट में

प्रथम पुरस्कार - alarm ghadi

द्वितीय पुरस्कार - the last call

सांत्वना पुरस्कार

1. Dead- the unconventional lines

2. Fomo

3. Tum hi ho bandhu sakha tum hi ho

कार्यक्रम में ये मौजूद रहे

इस अवसर पर प्रोफेसर रूपनारायण डॉक्टर यशवेंद्र वर्मा डॉक्टर अशोक कुमार सुमंत डोगरा, डॉक्टर दिशा दिनेश, सुरेंद्र कुमार, अमरीश पाठक, डॉक्टर नीरज सिंघल, प्रशासनिक अधिकारी मितेंद्र कुमार गुप्ता, ज्योति वर्मा , राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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