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'हम मिलट को सामान्य भोजन में आज भी शामिल नहीं कर पाए हैं', CCSU VC प्रो संगीता शुक्ला बोलीं

CCS University Meerut: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा अर्थशास्त्र विभाग के सौजन्य से मिलेट के उपभोग वितरण पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

Sushil Kumar
Published on: 5 March 2024 10:51 PM IST
CCS University Meerut, Meerut News
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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मिलेट पर राष्ट्रीय कार्यशाला (Social Media) 

Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCS University Meerut) द्वारा अर्थशास्त्र विभाग के सौजन्य से मिलेट के उपभोग वितरण (Millets Product) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौक़े पर मिलट के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हुए स्वास्थ्य के प्रति इसकी महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला (CCSU VC Professor Sangeeta Shukla) ने कहा कि, हम 'मिलट को सामान्य भोजन में आज भी शामिल नहीं कर पाए हैं'।

उन्होंने आगे कहा कि, 'यदि इस विषय पर गंभीर विचार किया जाए। शोध की दृष्टि से चिंतन किया जाए तो मिलट का उपभोग भारत के प्रत्येक रसोई तक पहुंच सकता है जिससे बहुत बड़ी मानव सेवा होगी।

कुकिंग का एक लाइव सेशन भी हुआ

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश के खाद्य आपूर्ति कमीशन के अध्यक्ष प्रोफेसर वीके मल्होत्रा रहे। चितकारा विश्वविद्यालय पंजाब से प्रति कुलपति प्रोफेसर संधीर शर्मा एवं संकाय अध्यक्ष अर्थशास्त्र प्रोफेसर धीरेश कुलश्रेष्ठ गेस्ट ऑफ ऑनर रहे। कार्यक्रम में मिलट कुकिंग एक्सपर्ट के रूप में चंडीगढ़ पंजाब से आई मैडम अनुराधा शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को कुकिंग का एक लाइव सेशन भी दिया। कार्यक्रम के अंतर्गत मिलट पर विभिन्न व्यंजनों एवं शोध के विभिन्न निष्कर्ष को दर्शाती एक बुकलेट का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मेरठ के प्रमुख चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर केपी सिंह प्रमुख गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सरिता त्यागी एवं विश्वविद्यालय कि गृह विज्ञान विभाग की समन्वयक डा बिंदु शर्मा भी उपस्थित थी।


देश में खाद्य सुरक्षा से भी बड़ी चुनौतियां

विश्वविद्यालय प्रवक्ता के अनुसार, यह कार्यक्रम तीन हिस्सों में बांटा हुआ था। प्रथम हिस्से में विभिन्न विश्वविद्यालय से आए विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर वी के मल्होत्रा ने कहा कि भारत देश में खाद्य सुरक्षा से भी बड़ी और भी चुनौतियां हैं जिन पर हमें गंभीर चिंतन करना चाहिए उन्होंने विभिन्न आंकड़ों का प्रयोग करते हुए अपने वक्तव्य के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग भी प्रदर्शित किया। प्रोफेसर धीरेश कुलश्रेष्ठ ने मिलट के विभिन्न आयामों पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसके वैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा भारतीय दृष्टिकोण से इसकी महत्ता पर अपने विचार रखें।

व्यंजन पकाकर सबका मन मोह लिया

इस अवसर पर इस्माइल नेशनल पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर अनिता राठी डॉक्टर संगीता त्यागी डॉ केपी सिंह एवं डा बिंदु शर्मा ने भी अपने विचार रखे। दूसरे हिस्से में विभिन्न महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से आई टीमों ने मिलट प्रतियोगिता में अपनी कुशलता का परिचय दिया तथा मिलट के विभिन्न प्रकार के भोजन तैयार किया। जिनको न्याय मंडल की टीम ने जांचा और परखा न्याय मंडल की टीम में प्रोफेसर आराधना, प्रोफेसर अलका तिवारी, प्रोफेसर सविता तोमर, डॉ सपना जैन, डॉक्टर रुपेश त्यागी एवं डॉक्टर कविता गर्ग ने अपना अमूल्य योगदान दिया। कार्यक्रम के तीसरे हिस्से में चंडीगढ की अनुराधा शर्मा ने सभी के समक्ष विभिन्न प्रकार के व्यंजन को पकाकर सबका मन मोह लिया और इसकी बारीकियों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने मिलट से बनने वाले दिन प्रतिदिन के भोजन के संबंध में अपना विस्तृत वक्तव्य दिया तथा इसके लाभ और हानियों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा आज बाजार में विभिन्न प्रकार के पॉलिश किए हुए मिलट बिक रहे हैं जिससे हमें बचना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में इस्माइल नेशनल पीजी कॉलेज के के जैन पीजी कॉलेज एन ए एस कॉलेज तथा महावीर विश्वविद्यालय से आई टीमों को विजेता घोषित किया गया एवं मेडल तथा पुरूस्कार से सम्मानित भी किया गया।

मिलेट् उपभोग पैटर्न को बताया

विश्वविद्यालय प्रवक्ता ने बताया कि, इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च, नई दिल्ली द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिनेश कुमार को लगभग 5 महीना पहले एक शोध प्रबंध स्वीकृत किया गया। जो कि, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड हरियाणा एवं पंजाब की कुल 12 जिलों में मिलेट् उपभोग पैटर्न के अध्ययन के बारे में था। वर्तमान में यह शोध प्रबंध पूर्ण हो चुका है तथा इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च नई दिल्ली को भेजा जा चुका है।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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