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Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कुलपति की छवि धूमिल करने के लिए लगाए गए पोस्टरों को लेकर शिक्षकों में रोष

Meerut News: लगाए गए पोस्टर मामले में गुरुवार को शिक्षकों में रोष दिखा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एकत्र होकर कुलपति कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला को ज्ञापन सौंपा।

Sushil Kumar
Published on: 12 Sept 2024 8:47 PM IST
Meerut News ( Pic- Newstrack)
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Meerut News ( Pic- Newstrack)

Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला व अन्य अधिकारियों की छवि धूमिल करने के लिए लगाए गए पोस्टर मामले में गुरुवार को शिक्षकों में रोष दिखा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एकत्र होकर कुलपति कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला को ज्ञापन सौंपा।शिक्षकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की हरकत माफ करने योग्य नहीं है। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के नेतृत्व में विश्वविद्यालय नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। सभी शिक्षकों ने कुलपति को अपना समर्थन सौंपते हुए कहा कि यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया कृत्य विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने के लिए है।

इस प्रकार के कृत्य से सभी को धक्का लगा है। सभी शिक्षक अधिकारी और कर्मचारी विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए मेहनत कर रहे हैं। कुछ लोगों को विश्वविद्यालय के यह उन्नति हजम नहीं हो रही है। ऐसे लोगों ने ही यह कृत्य किया है। इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।इस अवसर पर प्रोफेसर मृदुल गुप्ता, प्रोफेसर वीरपाल सिंह, प्रोफेसर हरे कृष्णा, प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह, प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ढाका, प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता, प्रोफेसर विजय मलिक, प्रोफेसर रमाकांत, प्रोफेसर प्रदीप चौधरी, प्रोफेसर अल्पना अग्रवाल, प्रोफेसर आलोक कुमार, प्रोफेसर केके शर्मा, प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा, प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह गौरव, प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा सहित विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक मौजूद रहे।बता दें कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर और आसपास की इमारतों पर विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला व अन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ करोड़ों रुपये के ग़बन के पोस्टर लगाये गये हैं।

सूचना मिलते ही सक्रिय हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पोस्टरों को हटवा दिया। रजिस्ट्रार धीरेन्द्र कुमार ने इस घटना को विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की साजिश करार देते हुए जांच आदि कराकर मुक़दमा दर्ज कराने की बात कही।इधर, छात्र प्रतिनिधियों द्वारा भी घटना की निंदा करते हुए इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन से कड़ा एक्शन लेने की मांग की। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय का नाम खराब होने से छात्रों के भविष्य को भी नुकसान है। गौरतलब है कि अभी एक सप्ताह पूर्व ही भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने भी कुलपति, वित्त अधिकारी सहायक अभियंता समेत कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे तथा प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल से जाँच कराकर सख़्त कार्यवाही की मांग की थी।

Shalini Rai

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