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Meerut: फिल्म मेकिंग कार्यशाला में कलाकार रवि कर्णवाल ने बताया एक्टिंग का तरीका
Meerut News: शार्ट फिल्म आक्सीजन के लिए सम्मानित कलाकार रवि कर्णवाल ने तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के कार्यशाला में बताया बेहतर एक्टिंग का तरीका।
Meerut News: एक्टिंग और एक्टर में अंतर होता है। एक कलाकार अपनी एक्टिंग के माध्यम से कला का प्रदर्शन करता है।अपने शरीर के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाता है। इसको हम आंगिक कला कहते हैं जबकि बोली के माध्यम से अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने का काम करते हैं इसको हम वाचिक कला भी कहते हैं। यह बात तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में चल रही सात दिवसीय कार्यशाला दूसरे दिन फिल्मी कलाकार रवि कर्णवाल ने कही।
रवि कर्णवाल ने दिया एक्टिंग की गुरुमंत्र
फिल्म मेकिंग कार्यशाला के दूसरे दिन फिल्मी कलाकार रवि कर्णवाल ने बताया कि किसी भी फिल्म में डायलॉग बोलना भी एक कला है। हम किस प्रकार से डायलॉग बोल रहे हैं हमारी आवाज कैसी है, एक एक्टर के लिए बहुत आवश्यक है। फिल्म निदेशक शुभम शर्मा ने छात्रों को बताया कि किस प्रकार से हम अपनी आवाज को कर सकते हैं। कोई भी जानवर किस प्रकार से चलता है किस प्रकार से उसकी बॉडी लैंग्वेज होती है यह भी सिखाया। छात्रों को कुछ थिएटर गेम्स भी कराए गए। बता दें कि देहरादून में आयोजित छठें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सहारनपुर के युवा लेखक एवं अभिनेता रवि कर्णवाल एवं उनकी टीम को शार्ट फिल्म आक्सीजन के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
कला को प्रदर्शित करने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी
तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने नाट्य शास्त्र में चार कलाओं के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि एक कलाकार के लिए अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। यदि हम एकाग्रता के साथ अपने डायलॉग नहीं बोलेंगे तो हम से गलती हो सकती है। किसी भी फिल्म में किसी भी कलाकार को अपने पात्र का अभिनय करने के लिए उसमें अपने को उतारना पड़ता है, तब जाकर एक बेहतर फिल्म बनती है। इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, लव कुमार दीपिका वर्मा, बीनम यादव, प्रशासनिक अधिकारी मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।