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UP Politics: चुनाव में बीजेपी के जाट नेताओ ने किया पार्टी को निराश, नए नेतृत्व की करनी होगी तैयारी

UP Politics: पश्चिम उप्र से जाट नेता नहीं जीतने के कारण इस बार केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बीजेपी का कोई जाट नेता मंत्री नहीं बन सका। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिमी यूपी से अकेले रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी मंत्री बने हैं।

Sushil Kumar
Published on: 10 Jun 2024 9:27 AM GMT
Meerut News
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भूपेंद्र सिंह चौधरी, संजीव बालियान और सत्यपाल सिंह (Pic: Social Media)

UP Politics: बीजेपी के पास पश्चिमी यूपी में जाट नेताओं की भारी-भरकम फौज होने के बावजूद 2024 चुनाव में इस बार जाटलैंड यानी पश्चिमी यूपी में पार्टी को अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली। हालांकि इस बार के चुनाव में पश्चिमी यूपी के कथित बड़े जाट नेता जयंत चौधरी बीजेपी के सहयोगी रहे। लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में भाजपा 14 सीटें ही हासिल कर की। जबकि 2019 में पश्चिमी यूपी की 29 में से 21 सीटें भाजपा ने जीती थीं। पूरे यूपी में पार्टी 62 से 33 सीट पर आ गई।

पश्चिम यूपी में हार गये बीजेपी के दिग्गज

बीजेपी के लिए इससे बड़ी निराशा और क्या होगी कि भाजपा का पश्चिम में कोई जाट सांसद नहीं है। जबकि 2014 में पश्चिमी यूपी से तीन जाट नेता मुजफ्फरनगर से डा. संजीव बालियान, बागपत से डा. सत्यपाल सिंह एवं बिजनौर से कुंवर भारतेंदु जीतकर संसद पहुंचे थे। इस बार के चुनाव में बीजेपी के रालोद से हाथ मिला लेने के कारण बागपत सीट रालोद के कोटे में चली गई। नतीजन, पार्टी के जाट नेता सत्यपाल सिंह राजनीति के हाशिये पर चले गये। पार्टी के चुनाव प्रचार में भी वें बहुत कम दिखे। उधर, मुजफ्फऱनगर में भी पार्टी के जाट नेता डा. संजीव बालियान जिनकी जीत जयंत के भाजपा से हाथ मिला लेने के कारण निश्चित लग रही थी, चुनाव हार गए। पार्टी के जाट नेता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के गृह जनपद मुरादाबाद में ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। पश्चिमी यूपी की सहारनपुर, संभल, नगीना, कैराना, बदायूं, एटा, फिरोजाबाद, खीरी में पार्टी को हार मिली।

पश्चिम उप्र से जाट नेता नहीं जीतने के कारण इस बार केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बीजेपी का कोई जाट नेता मंत्री नहीं बन सका। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिमी यूपी से अकेले रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी मंत्री बने हैं। जाहिर है कि यह स्थिति बीजेपी के लिए ठीक नहीं कही जा सकती है। क्योंकि ऐसे में पश्चिमी यूपी की जाट राजनीति जयंत के इर्द-गिर्द केंद्रित होगी। 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा को जाट नेताओं को बढ़ाने के लिए पार्टी के नए चेहरों पर दांव लगाना होगा। नए चेहरों में पार्टी के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं डीएन डिग्री कालेज छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे अंकित चौधरी, देवेंद्र चौधरी जो कि दो बार प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं के अलावा राज्य सरकार में मंत्री केपी मलिक, विधायक डा. मंजू सिवाच, सुचि चौधरी, पूर्व विधायक उमेश मलिक का नाम लिया जा सकता है।


Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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