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Meerut News: चार विधानसभा क्षेत्र में BJP को क्यों मिली हार, जांच टीम तलाश रही कारण

Meerut News: रामायण के ‘राम भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की नैया पार लगा दी। अरुण गोविल को चार विधानसभा क्षेत्रों किठौर, मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण और हापुड़ में हार का सामना करना पड़ा।

Sushil Kumar
Published on: 19 Jun 2024 1:38 PM IST
Meerut News:  चार विधानसभा क्षेत्र में BJP को क्यों मिली हार, जांच टीम तलाश रही कारण
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चार विधानसभा क्षेत्र में BJP को क्यों मिली हार  (photo: social media )

Meerut News: बीजेपी चुनाव परिणाम आने के एक पखवाड़े बाद भी अपनी हार के कारणों की पड़ताल में जुटी है। मेरठ की बात करें तो गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय और सहारनपुर के विधायक राजेश गुंबर की टीम हार का कारण तलाशने के काम में जुटी हैं। लेकिन उन्हें वह सिरा नहीं मिल रहा है, जिसे पकड़ कर वे मूल कारणों की तह तक पहुंच सकें।

मेरठ लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी ने इस बार राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटते हुए अरुण गोविल को मैदान में उतारा था। राम की नैया भाजपा के लिए एक बार फिर मेरठ कैंट अभेद् दुर्ग साबित हुआ। यही वो सीट है जिसने टीवी सीरियल रामायण के ‘राम भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की नैया पार लगा दी। अरुण गोविल को चार विधानसभा क्षेत्रों किठौर, मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण और हापुड़ में हार का सामना करना पड़ा। मगर कैंट में मिले 96 हजार 113 वोटों से जीतकर वह पहली बार सांसद बन गए। कल्पना कीजिए, यदि बीजेपी को कैंट विधानसभा का सहारा नहीं मिलता तो राम की नैया को कौन पार लगाता?

जांच टीम के सामने पार्टी में खेमेबाजी भी उजागर हुई है। मेरठ लोकसभा क्षेत्र की चार विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद भी पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेता जांच टीम को यह बताने की पूरी कोशिश में जुटे रहे कि दरअसल उन्होंने पार्टी को जिताने की पूरी कोशिश तो की थी, लेकिन दूसरे खेमे के नेताओं की वजह से पार्टी को इतनी करारी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी की जांच कर रही टीम के समक्ष मेरठ के पुराने बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच समन्वय ठीक नहीं होना ही चार विधानसभा क्षेत्रों में हार का कारण रहा।

कार्यकर्ता भी कई कारणों से नाराज

जांच टीम को यह भी बताया गया कि जिन लोगों को योजनाओं का लाभ दिया गया, उनका वोट पार्टी को नहीं मिला। कार्यकर्ता भी कई कारणों से नाराज रहे। यही नहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस व प्रशासन के कुछ अफसरों की यह कहते हुए भी शिकायत की। उनका कहना था कि अधिकारी तो किसी की सुनते ही नहीं। आम जनता की भी सुनवाई ठीक से नहीं हो रही। परिणाम इसी का नतीजा है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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