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Meerut News: भाकियू नेता का 9 अगस्त में ट्रैक्टर तिरंगा मार्च एवं कमिश्नर कार्यालय घेराव की घोषणा

Meerut News: भाकियू नेता के अनुसार सभी मार्च कुटिया चौराहे पर एकत्रित होकर कमिश्नर मेरठ का घेराव करेंगे

Sushil Kumar
Published on: 3 Aug 2024 9:27 PM IST
Meerut News- Photo- Newstrack
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Meerut News- Photo- Newstrack

Meerut News: गन्ना भुगतान, स्मार्ट मीटर, ट्यूबबेल फ्री बिजली, अग्निवीर योजना का विरोध, बिजली केवाईसी, सिंचाई विभाग, रीयल टाइम खतौनी आदि मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की मेरठ शाखा द्वारा 9 अगस्त में ट्रैक्टर तिरंगा मार्च एवं कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने की घोषणा की गई है।

भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने शनिवार शाम को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर जनपद में 9 अगस्त को ट्रैक्टर तिरंगा मार्च निकाला जाएगा। मार्च सभी ग्राम अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी ग्रामों से शुरू होकर सभी तहसील अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों के निर्देशन में कंकरखेड़ा बायपास पर पहुंचेगा। वहां से मार्च का नेतृत्व स्वयं जिलाध्यक्ष करेगे। वहीं मवाना रोड से और किला रोड से भाकियू का जो ट्रैक्टर तिरंगा मार्च आएगा उसका नेतृत्व हर्ष चहल एवं नरेश मवाना करेंगे। भाकियू नेता के अनुसार सभी मार्च कुटिया चौराहे पर एकत्रित होकर कमिश्नर मेरठ का घेराव करेंगे और पूर्व में दिए गए 24 जुलाई में 96 सूत्रीय ज्ञापन की मांगे पूरी करने की मांग करेंगे और समाधान हेतु अग्रिम रणनीति कमिश्नर कार्यालय ही बनाई जायेगी।

जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने आगे बताया की ट्रैक्टर तिरंगा मार्च में हजारों की संख्या में ट्रैक्टर और किसान कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। जल्द 9 अगस्त की तैयारी को लेकर तहसील स्तर की समीक्षा आयोजित कर पदाधिकारियों से तैयारी में जुटने का आव्हान किया जाएगा। ज्ञापन में मुख्य रूप से गन्ना भुगतान, स्मार्ट मीटर, ट्यूबबेल फ्री बिजली, अग्निवीर योजना का विरोध, बिजली केवाईसी, सिंचाई विभाग, रीयल टाइम खतौनी आदि 96 मांगों का ज्ञापन पूर्व 24 जुलाई को मंडलायुक्त को दिया जा चुका है।

भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि किसान परेशान है। छुट्टा पशु और विद्युत सप्लाई की समस्या किसानों को परेशान कर रही है। किसान को इस समय धान की फसल की सिंचाई के लिए बिजली की आवश्यकता है। शासन को 18 घंटे सप्लाई देने की झूठी रिपोर्ट भेज रहे हैं। जबकि, जमीनी हालत यह है कि बिजली न मिल पाने के कारण किसान अपनी धान की फसल को नष्ट करने पर मजबूर हैं। उन्होंने चकबंदी विभाग के अधिकारियों पर भी किसानों का उत्पीड़न की बात कही। जिसमें किसानों की क्षेत्रीय समस्याओं जैसे आवारा पशु, वर्तमान मे किसानों को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।



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Shalini Rai

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