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BSP प्रमुख मायावती के उत्तराधिकारी आकाश के लिए तलाशी जा रही है लोकसभा सीट, वेस्ट यूपी के इस सीट से हो सकते हैं कैंडिडेट
Lok Sabha Elections 2024: सहारनपुर के अलावा मायावती की पुरानी सीट बिजनौर लोकसभा से भी आकाश आनंद के चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह बिजनौर लोकसभा सीट का बसपा की सिटिंग सीट होना है।
UP Politics: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती के भतीजे और उनके उत्तराधिकारी घोषित हो चुके आकाश आनंद (Akash Anand) के लिए पार्टी ने लोकसभा सीट के लिए तलाश शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो बसपा प्रमुख मायावती आकाश आनंद को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। हालांकि, अभी तक आकाश आनंद के लिए लोकसभा सीट का चयन नहीं किया जा सका है।
अलबत्ता, जैसा कि पार्टी के सूत्रों का कहना है कि आकाश वेस्ट यूपी की ही किसी सीट से चनाव लड़ेंगे। वेस्ट यूपी में कई सीटों को दलित बहुल माना जाता है। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना और बुलंदशहर लोकसभा सीटें प्रमुख हैं। इसलिए माना जा रहा है कि वेस्ट यूपी की किसी सीट से आकाश आनंद कैंडिडेट हो सकते हैं। इसका मकसद दलितों को पहले की तरह जोड़ा जा सके।
बुआ की 'कर्मभूमि' से ठोक सकते हैं ताल
बसपा सूत्रों के अनुसार, आकाश आनंद को चुनाव लड़ाने का निर्णय हाल ही में लखनऊ में हुई पार्टी की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में लिया जा चुका है। आपको बता दें कि, 15 जनवरी 2022 को अपने 66वें जन्मदिन कार्यक्रम में मायावती ने कहा था कि बसपा आकाश आनंद को पार्टी में बड़ी भूमिका के लिए तैयार कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि उचित समय के दौरान आकाश को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। शायद ,2024 को .मायावती आकाश आनंद के लिए लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मान रही हैं। पार्टी हलकों में गश्त कर रही अटकलों को मानें आकाश अपनी बुआ मायावती की कर्मभूमि यानी सहारनपुर से 2024 लोकसभा में चुनावी ताल ठोक सकते हैं। गौरतलब है कि आकाश आनंद को सियासी तौर पर मंच पर पहली बार मायावती सहारनपुर में ही सामने लाईं थीं। 2017 की सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा को लेकर राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने का ऐलान करने के बाद भी मायावती सबसे पहले सहारनपुर ही गईं थी।
बिजनौर पर भी गुणा-गणित जारी
सहारनपुर के अलावा मायावती की पुरानी सीट बिजनौर लोकसभा से भी आकाश आनंद के चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह बिजनौर लोकसभा सीट का बसपा की सिटिंग सीट होना है। 1989 में पहली बार मायावती इसी सीट से लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। पिछले चुनाव की बात करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के मलूक नागर ने जीत दर्ज की थी। इसी सीट से मायावती पहली बार लोकसभा पहुंची थीं। पार्टी नेताओं का यह भी कहना है कि इस सीट पर दलित, मुस्लिम वोटर की संख्या अधिक है। ऐसे में मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद के लिए यह सबसे आसान और सुरक्षित हो सकती है। इस सीट पर दलित, मुस्लिम वोटर की संख्या अधिक है। ऐसे में मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद के लिए यह सबसे आसान और सुरक्षित हो सकती है।
आकाश के सामने कई क्षेत्रीय क्षत्रप दे रहे चुनौती
पार्टी नेताओं का मानना है कि, आकाश आनंद (Akash Anand BSP) जो कि बसपा में नंबर दो की भूमिका में हैं, के चुनावी मैदान में उतरकर अपने दल के अभियान की अगुआई करने से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ेगा। दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने सिर्फ 1 विधानसभा की सीट जीती थी, जबकि कांग्रेस पार्टी के खाते में सिर्फ दो सीटें आई थीं। स्थिति यह है कि यूपी विधानसभा में जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, बसपा और कांग्रेस से बड़े दल हो चुके हैं। यही नहीं राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक भी बसपा से बड़ी पार्टी और कांग्रेस के बराबर पहुंच गई है। सुभासपा और आरएलडी को केबिन अलॉट किए गए हैं। ऐसे में अगर उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद आकाश आनंद सियासी मैदान में उतरते हैं, तो यह पार्टी के लिए बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है।