×

Meerut Bulldozer Action: 168 साल पुरानी मस्जिद पर चला बुलडोजर, रैपिड रेल में बन रही थी बाधा

Meerut News: कई साल पुरानी मस्जिद को देर रात बुलडोजर से ढहा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद के चलते रैपिड रेल का निर्माण कार्य में रुकावट आ रही है।

Sushil Kumar
Written By Sushil Kumar
Published on: 22 Feb 2025 12:00 PM IST
Meerut News Today Bulldozer Action Old Masjid
X

Meerut News Today Bulldozer Action Old Masjid ( Pic- Social- Media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में रैपिड रेल कॉरिडोर निर्माण के चलते कई साल पुरानी मस्जिद को देर रात बुलडोजर से ढहा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद के चलते रैपिड रेल का निर्माण कार्य में रुकावट आ रही है। इसलिए मौलवी और अन्य लोगों के साथ सहमति के बाद मस्जिद को हटाया गया। पहले दिनभर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हथौड़े से गिराया। जब अधिकांश हिस्सा गिराने से रह गया तब प्रशासन ने देर रात बुलडोजर से मस्जिद को ढहा दिया। रात में ही सारा मलबा भी हटा दिया गया।

एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह ने आज सुबह न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा सब कुछ आपसी सहमति से हुआ है। मुस्लिम समुदाय ने खुद ही हटाया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) अफसरों के साथ उनकी(मुस्लिम पक्ष) के साथ वार्ता में मैने सहयोग जरुर कर दिया था। लेकिन,मुस्लिम पक्ष की रजामंदी के बाद ही मस्जिद को हटाया गया है।

हटाई गई मस्जिद कितने साल पुरानी है। यह पूछे जाने पर एडीएम सिटी ने कहा कि इसका रिकार्ड हमारे पास नहीं है। कोई इसको 80 साल पुरानी बता रहा है तो कोई 168 साल पुरानी बता रहा है। इस मस्जिद की जगह मुस्लिम पक्ष को कहीं दूसरी जगह जमीन भी दी जा रही है क्या। यह पूछे जाने पर इस अधिकारी ने कहा कि नहीं अभी तक ऐसा कुछ नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने इस मस्जिद की जगह कहीं और जगह मांगी है अथवा नहीं ऐसा मेरे सामने कुछ आया नहीं है।

उधर,स्थानीय लोगो के अनुसार इस कथित ऐतिहासिक मस्जिद में पहली बार जुमे की नमाज नहीं हो सकी। प्रशासन ने पहले ही मस्जिद का गेट हटा दिया था और बिजली का कनेक्शन भी काट दिया गया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारी लंबे समय से मस्जिद हटाने की मांग कर रहे थे। अधिकारियों का कहना था कि रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में मस्जिद बाधा बन रही थी। गुरुवार रात प्रशासन ने इमाम और मस्जिद के अन्य जिम्मेदारों को बुलाकर विस्तार से समझाया कि मस्जिद को हटाना जरूरी है।

देर रात तक चली बैठक में प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष को पूरी स्थिति से अवगत कराया। जिसके बाद मस्जिद प्रबंधन ने मस्जिद हटाने पर सहमति जताई। हाजी स्वाले हीन ने कहा, हम अपने से मस्जिद हटा रहे हैं, लेकिन हमारे पास 1857 के दस्तावेज हैं, जो इस मस्जिद की ऐतिहासिकता को साबित करते हैं। हम चाहते हैं कि प्रशासन हमें इसके बदले दूसरी जगह मस्जिद दें या फिर वैकल्पिक जमीन मुहैया कराए।बहरहाल,मस्जिद हटाये जाने के बाद इलाके में शांति बनी हुई है और कहीं किसी भी प्रकार का तनाव नहीं है।



Admin 2

Admin 2

Next Story