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Meerut News: वरिष्ठ प्रशिक्षक एवं परिवर्तन प्रबंधन विशेषज्ञ अनुराधा शर्मा बोली -अपनी सोच बदलें और अपना जीवन बदलें

Meerut News: इस अवसर पर प्रोफेसर बीरपाल सिंह ने कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के आत्मविकास में सहायक होते हैं। जब विद्यार्थी सकारात्मक सोच विकसित करते हैं, तो उनकी शैक्षणिक और व्यक्तिगत प्रदर्शन क्षमता बढ़ती है।

Sushil Kumar
Published on: 30 Jan 2025 7:49 PM IST
Meerut News
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 Meerut News ( Pic- Social- Media)

Meerut News: वरिष्ठ प्रशिक्षक एवं परिवर्तन प्रबंधन विशेषज्ञ अनुराधा शर्मा ने कहा कि "सकारात्मक सोच और 'ना' शब्द से बचाव से जीवन में प्रभावशाली परिवर्तन लाया जा सकता है।" चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास निदेशक प्रोफेसर बीरपाल सिंह की अगुवाई में भौतिक विज्ञान विभाग स्थित सर सी.वी. रमन संगोष्ठी हॉल में सफलता सूत्र: अपनी सोच बदलें और अपना जीवन बदलें" विषय पर सारगर्भित व्याख्यान देते हुए मुख्य अतिथि के रूप में अनुराधा शर्मा ने अपने प्रेरक संबोधन में उपस्थित विद्यार्थियों को 21 दिनों तक "नहीं" शब्द का प्रयोग न करने की चुनौती दी और कहा कि यह अभ्यास उनके व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति को नई दिशा देगा। उन्होंने सफलता के बाधक एवं साधक तत्वों पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि संदेह, नकारात्मकता और भय जैसी मानसिकताएं हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। लेकिन यदि व्यक्ति इन बाधक तत्वों पर विजय प्राप्त कर अपनी छिपी हुई प्रतिभा और सामर्थ्य को उजागर कर ले, तो सफलता सुनिश्चित हो जाती है।

इस अवसर पर प्रोफेसर बीरपाल सिंह ने कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के आत्मविकास में सहायक होते हैं। जब विद्यार्थी सकारात्मक सोच विकसित करते हैं, तो उनकी शैक्षणिक और व्यक्तिगत प्रदर्शन क्षमता बढ़ती है। यही सोच विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक बन सकती है।" इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अधिकांश प्रतिभागी भौतिक विज्ञान विभाग से थे, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि यह व्याख्यान न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें सशक्त करेगा। प्रेरित होकर, छात्रों ने तुरंत एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, जिसमें वे 21 दिनों की "नहीं शब्द न बोलने" की चुनौती को आत्मसात करेंगे और इसके अनुभवों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस प्रयोग से जुड़े फीडबैक को अनुराधा शर्मा से साझा करेंगे, जिससे यह अभ्यास उनके शोध और अध्ययन के क्षेत्र में भी उपयोगी सिद्ध होगा।

अपने व्याख्यान में अनुराधा शर्मा ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सफलता की राह में कई मानसिक और व्यवहारिक बाधाएं आती हैं, लेकिन यदि व्यक्ति इन बाधक तत्वों की पहचान कर उन्हें दूर कर ले, तो वह अपने अंदर की छिपी हुई प्रतिभा और सामर्थ्य को उजागर कर सकता है। उन्होंने कहा कि सफलता केवल बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह हमारे सोचने और प्रतिक्रिया देने के तरीके से भी प्रभावित होती है। इस अवसर पर प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, डॉ. नीरज पवार, डॉ. विवेक नौटियाल सहित विश्वविद्यालय के अनेक प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।



Shalini Rai

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