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Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मनाई गई डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि
Meerut News: आज उनकी पुण्यतिथि पर हम सभी को उनके आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए।
Meerut News: एपीजे अब्दुल कलाम न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बल्कि शिक्षा और नैतिकता के क्षेत्र में भी एक महान प्रेरणा स्रोत थे। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम सभी को उनके आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए। यह कहना है विश्वविद्यालय के निदेशक शोध एवं कुलानुशासन प्रोफेसर बीरपाल सिंह काचौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम छात्रावास में भारत रत्न मिसाइल मैन एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर कार्यक्रम अध्यक्ष चीफ़ वॉर्डन प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर यशवीर सिंह, डॉ. दुष्यंत चौहान, डॉ. सीपी सिंह, अब्दुल कलाम छात्रावास के वार्डन इंजीनियर प्रवीण कुमार, सहायक वार्डन इंजीनियर राहुल प्रकाश, रविंद्र सिंह, कार्यालय अधीक्षक मनी सिंह, भवेंद्र , सूरज कुमार, मुन्नी देवी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।इस अवसर पर चीफ़ वॉर्डन एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने हमेशा युवाओं को प्रेरित किया और उनके सपनों को पंख दिए। आज हम यहां पर वृक्षारोपण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और इस तरह हम उनके पर्यावरण संरक्षण के संदेश को आगे बढ़ा रहे हैं।"
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके थे। उन्हें 'मिसाइल मैन' के नाम से जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई। वे 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और उनकी सरलता, विद्वता और बच्चों के प्रति स्नेह के लिए सदैव याद किए जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान वृक्षारोपण किया गया और फलदार पौधे लगाए गए, जिससे विश्वविद्यालय परिसर का पर्यावरण और हरा-भरा होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के आदर्शों को आगे बढ़ाना था।इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक वार्डन इंजीनियर प्रवीण कुमार सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, "हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करना चाहिए और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए। यह हमारे भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।"