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Meerut News: मेरठ में हत्या के लिए दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा

Meerut News: थाना पुलिस द्वारा आवश्यक कार्यवाही करते हुए अभियुक्त बन्टी, मोनू के विरूद्ध 30 अप्रैल 14 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।

Sushil Kumar
Published on: 27 March 2025 9:26 PM IST
Meerut News: मेरठ में हत्या के लिए दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा
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Meerut News: विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ न्यायालय ने यहां हत्या के मामले में दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विरजू पुत्र लखीराम निवासी रोहटा के पुत्र की 26 मार्च को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने रोहटा निवासी

बन्टी पुत्र गोपाल और मोनू पुत्र जगदीश निवासीगण रोहटा को तहरीर के आधार पर थाना सरूरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ में मुकदमा शुरू हुआ। गुरुवार को अपराध पर फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ न्यायालय ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और ₹21,000-21000 का जुर्माना लगाया।

जिला पुलिस पर्वतारें बताया कि घटिया के संबंध में हत्या में प्रयुक्त एक सीएमपी मय एक कारतूस की बरामदगी के सम्बन्ध में 26 मार्च 14 को मुकद्दमा वादी सुम्मेर सिंह यादव थाना प्रभारी सरूरपुर मेरठ की फर्द के आधार पर मु0अ0स0 84/2014 व 85/2014 धारा 25 आयुध अधिनियम बनाम बन्टी और मोनू थाना सरूरपुर मेरठ के विरूद्ध पंजीकृत हुआ था। थाना पुलिस द्वारा आवश्यक कार्यवाही करते हुए अभियुक्त बन्टी, मोनू के विरूद्ध 30 अप्रैल 14 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।

पुलिस महानिदेशक उ०प्र० के आदेश के अनुक्रम में प्रचलित ऑपरेशन कनविक्शनअभियान के अंतर्गत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ के निर्देशन एवं पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तथा क्षेत्राधिकारी सरधना मेरठ के कुशल पर्यवेक्षण तथा थाना प्रभारी सरूरपुर के कुशल नेतृत्व में थाना सरूरपुर पर पंजीकृत इस मुकदमे से सम्बन्धित अभियुक्त बन्टी पुत्र और मोनू पुत्र जगदीश निवासी रोहटा थाना रोहटा जनपद मेरठ (तत्कालीन थाना सरूरपुर मेरठ) को दोषी पाते हुए न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ द्वारा अन्तर्गत धारा- 302 भादवि में सश्रम आजीवन कारावास व 20,000-20,000/- रुपये जुर्माने से दण्डित कराया गया व धारा 25 आयुध अधिनियम में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000/- रुपये के अर्थदण्ड़ से दण्डित किया गया।

Ramkrishna Vajpei

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