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Meerut News: भाकियू नेताओं का प्रतिनिधि मंडल आयुक्त से मिला, किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन की घोषणा
Meerut News: मेरठ आयुक्त से मिलने के बाद भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में किसान और कार्यकर्ता मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित किसान दिवस में पहुंचे।
Meerut News: मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेताओं और किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने आज डीएम से वार्ता की। वहीं, भाकियू का कहना है कि अगर जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ताओ और किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा जे से मिलकर किसानों की प्रमुख समस्याओं गन्ना भुगतान, ट्यूबवेल मीटर, सिंचाई विभाग, स्मार्ट मीटर , नाले सफाई आदि मांगो का एक ज्ञापन सौंपा और उनका जल्द समाधान की मांग की। भाकियू नेताओं ने निस्तारण न होने पर आंदोलन की राह अपनाने की घोषणा की।
मेरठ आयुक्त से मिलने के बाद भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में किसान और कार्यकर्ता मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित किसान दिवस में पहुंचे। भाकियू नेताओं के अनुसार किसान दिवस में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। किसान दिवस में पिछली समस्याओं पर चर्चा की गई जिसमे 122 समस्याओं में से 90 समस्याओं का निस्तारण हो गया बाकी समस्याओं को रिपीट में लिख लिया गया। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने अपनी समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन उन्हें सौंपते हुए अधिकारियो से अबकी बार समस्याओं का निस्तारण कराने की मांग की इस दौरान प्रमुख समस्या आवारा पशु, गन्ना भुगतान, कोल ग्राम के सामने शमशान घाट हेतु रास्ता,नंगलाताशी डिवाइडर रोड निर्माण, स्मार्ट मीटर आदि समस्या रही इस दौरान जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, नरेश मवाना, सत्यवीर सिंह, विनेश छुर, हर्ष चहल, देशपाल, प्रिंस, अनूप ,कपिल,जज सिंह, बंटी, केपी,विनय ,अनुज, सतेंद्र तालियां, मदनपल,विनोद सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
किसानों की आस पर पानी फिरा
इस मौके पर मीडिया से बातचीत में भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने 3.0 के पहले बजट पर कहा कि तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार द्वारा जारी बजट में किसान और युवा खाली हाथ रह गया और किसानों की आस पर पानी फिर गया। उन्होंने कहा कि किसान हताश है। एमएसपी गारंटी ,कर्जमाफी आदि मुद्दे ज्यों के त्यों ही रह गए हम मांग करते हे किसानों की मांग पूरी की जाए।