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Meerut News : डॉ. अम्बेडकर जागरूक मीडिया के पक्षधर थे : डॉ. देश राज सिंह
Meerut News : मुख्य वक्ता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस पीठ के अध्यक्ष मेजर (डॉ.) देशराज सिंह ने डॉ. अंबेडकर के जीवन-यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर बाल्यकाल से ही मेधावी छात्र थे, किंतु गरीबी और समानता के कारण प्रारंभिक समय में उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
Meerut News : स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के द्वारा “लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका और डॉ. अंबेडकर” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस व्याख्यान का आयोजन विश्वविद्यालय की डॉ. अंबेडकर पीठ के मासिक व्याख्यान माला के अंतर्गत किया गया। इस व्याख्यान माला का उद्देश्य भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. अंबेडकर की भूमिका को रेखांकित करने एवं आज के युवावर्ग को डॉ. अंबेडकर के कार्यों से परिचित कराना है। इसी कड़ी में लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका और डॉ. अंबेडकर विषय पर यह व्याख्यान आधारित था, जिसमें वक्ताओं ने विभिन्न तथ्यों के साथ अपनी बात रखी।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत के साथ हुई, जिसके बाद मुख्य वक्ता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस पीठ के अध्यक्ष मेजर (डॉ.) देशराज सिंह ने डॉ. अंबेडकर के जीवन-यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर बाल्यकाल से ही मेधावी छात्र थे, किंतु गरीबी और समानता के कारण प्रारंभिक समय में उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। डॉ. अंबेडकर की मेहनत तथा दृढ़ निश्चय का ही यह परिणाम था कि उन्हें अपने शिक्षकों का स्नेह और मार्गदर्शन मिला जिससे वे अपने जीवन में आगे बढ़ सके। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. देशराज ने आगे कहा कि एक सफल लोकतंत्र के लिए मीडिया का विशेषकर निष्पक्ष मीडिया का होना बहुत जरूरी है, जिसके पक्षधर अम्बेडकर थे क्योंकि उनका पत्रकारिता से अभिन्न संबंध रहा।
डॉ. अंबेडकर ने समाचार पत्र निकाला था
इस व्याख्यान में बोलते हुए अतिथि वक्ता डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने डॉ. अंबेडकर के एक पत्रकार के रूप में जीवन को विस्तृत रूप से रखा। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यह मानते थे कि जनता तक पहुंचने के लिए किसी भी देश में एक सशक्त मीडिया का होना बहुत जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मात्र 29 वर्ष की आयु में अपना पहला समाचारपत्र मूकनायक नाम से प्रकाशित करना शुरु किया। डॉ. त्रिपाठी ने आगे कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सदा वंचित, शोषित समाज की बात को अपने कलम की आवाज देकर आगे बढ़ाया, जिसके फलस्वरूप हम देखते हैं कि उन्होंने चार अलग-अलग समाचारपत्र विभिन्न समय में निकाले।
व्याख्यान में विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. अंबेडकर पीठ के शोध-अधिकारी डॉ. प्रेमचंद्र ने बाबासाहेब अंबेडकर के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि संविधान निर्माण सभा के अध्यक्ष के रूप में डॉ. अंबेडकर की सबसे बड़ी देन आर्टिकल 19(1अ) है जिसके तहत हम सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है, और मीडिया को भी इसी अनुच्छेद के तहत शक्ति प्राप्त है, जिससे की आज मीडिया जनता तक सरकार की बात और सरकार तक जनता की बात को पहुंचा पा रही है।
डॉ. अंबेडकर का संपूर्ण जीवन समाज निर्माण के लिए आदर्श
इस क्रम में विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) सुभाष चंद्र थलेडी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का संपूर्ण जीवन समाज निर्माण के लिए आदर्श है और उनका जीवन प्रेणादायक है। वे एक सशक्त राष्ट्र- निर्माण के पक्षधर थे। इस कार्यक्रम के संयोजक पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम संचालन बीएजेएमसी की छात्रा मनीषा कुमारी ने किया।
इस दौरान विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी, डॉ. प्रीति सिंह, मधुर शर्मा, शैली शर्मा, डॉ. दुर्वेश पुंडीर, शहीद धनसिंह कोतवाल इंटर कॉलेज , जुर्रानपुर के प्रधानाचार्य डॉ. डी.पी. शर्मा सहित विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।