TRENDING TAGS :
Meerut News: छुट्टी के दिन भी खुले रहे पश्चिमांचल के मेरठ समेत 14 जिलों में बिजली कैश काउंटर
Meerut News: बिजली बिल की बकाया वसूली को लेकर पीवीवीएनएल की ओर से चलाया गया अभियान फेल साबित हुआ है। जुलाई से पश्चिम के 14 जिलों में चल रहे अभियान के बाद भी बकाया बढ़ गया।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के पश्चिमांचल के 14 जिलों में आज अवकाश के बावजूद बिजली कैश काउंटर खुले रहे। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) की एमडी चैत्रा वी ने बताया कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कार्यक्षेत्र के तहत आने वाले समस्त 14 जनपद मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, बिजनौर, संभल, रामपुर एवं अमरोहा के सभी बिजलीघरों के कैश काउंटर अवकाश के बावजूद अगले दो दिन यानी 24 नवंबर तक खुलें रहेंगे।
घर बैठे बिजली बिलों का करें भुगतान
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता पावर कारपोरेशन की वेबसाइट uppcl.org अथवा pvvnl.org वेब पेज पर जाकर कन्ज्यूमर कार्नर के तहत घर बैठे बिजली बिलों का भुगतान कर सकते हैं। एमडी चैत्रा वी. ने बताया कि आज सरकारी अवकाश था। कल रामनवमी है और 24 अक्तूबर को दशहरे का अवकाश है। लोकिन उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए अवकाश के बावजूद सामान्य दिवसों की तरह बिजली कैश काउंटर खुले रहेंगे।
उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील है कि बिजलीघर पहुंचकर बिजली बिल का भुगतान करें। दरअसल, बिजली बिल की बकाया वसूली को लेकर पीवीवीएनएल की ओर से चलाया गया अभियान फेल साबित हुआ है। जुलाई से पश्चिम के 14 जिलों में चल रहे अभियान के बाद भी बकाया बढ़ गया। सभी 14 जिलों में जुलाई माह तक उपभोक्ताओं पर विभाग का लगभग 7481 करोड़ रुपये बकाया था। 10 अक्तूबर को यह राशि बढ़कर लभगभग 7851 करोड़ रुपये पहुंच गई।
विभाग का करोड़ों रुपये बकाया
मेरठ शहर की ही बात करें तो यहां 25 लाख से अधिक वाले 153 बड़े बकाएदार शामिल हैं। इन पर विभाग का करोड़ों रुपये बकाया है। जलकल विभाग पर विभाग का 19 करोड़ से अधिक पिछले एक साल से बकाया है इसके बावजूद इनका कनेक्शन नहीं काटा जा रहा है। जबकि अगर आम उपभोक्ता पर एक माह का भी बकाया हो जाए तो उसका कनेक्शन काट दिया जाता है। इन बड़े बकाएदारों में महाप्रबंधक जल नगर निगम पर 19 करोड़, जलकल अभियंता छीपी टैंक स्टेशन पर 4 करोड़, श्याम नगर मोहम्मद हारुण 2 करोड़, इनमें ट्यूबवेल, बुनकर व निजी कनेक्शन भी शामिल हैं जिन पर विभाग का करोड़ों रुपये बकाया है।