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Meerut News: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का तीसरा दिन, सड़कों पर किसान, जयंत की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

Meerut News: दिल्ली की सीमाओं पर किसान हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसानों के रास्ते में सरकार ने कील, कांटों से लेकर दीवारें खड़ी कर दी हैं। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। लेकिन, जयंत और उनकी पार्टी पूरी तरह खामोशी से सब नजारा देख रही है।

Sushil Kumar
Published on: 15 Feb 2024 9:09 AM GMT
Meerut News
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जयंत चौधरी की चुप्पी पर उठ रहे सवाल (Social Media)

Meerut News: न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए क़ानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफ़ारिशों को लागू करने की मांग को लेकर किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का आज तीसरा दिन है। लेकिन, खुद को किसानो की पार्टी कहने वाली रालोद के मुखिया जयंत चौधरी ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। जिससे किसानों का उनको लेकर गुस्सा बढ़ रहा है। बता दें किसानों के दो बड़े संगठनों, संयुक्त किसान मोर्चा (ग़ैर राजनैतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है, वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फ़रवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने का आह्वान किया है।

लेकिन, अभी तक भी जयंत ने ना तो ताजा किसान आंदोलन को लेकर ट्वीटर पर और ना ही सार्वजनिक रुप से अपना कोई बयान जारी किया है। जब मुखिया चुप है तो पार्टी के तमाम नेता, पदाधिकारी भला कैसे बोल सकते हैं। सो, किसान आंदोलन के मुद्दे पर रालोद खामोशी की चादर ओढ़ कर बैठ गया है। जबकि पूर्व के किसान आंदोलन में जब केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ किसान इसी तरह सड़कों पर उतरे थे तब उस लड़ाई में रालोद मुखिया जयंत चौधरी भी पूरी सक्रिय देखे गए थे। जयंत आंदोलनकारी किसानों के बीच गए। मंच से सरकार के खिलाफ भाषण भी दिए। आज फिर दिल्ली की सीमाओं पर किसान हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसानों के रास्ते में सरकार ने कील, कांटों से लेकर दीवारें खड़ी कर दी हैं। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। लेकिन, जयंत और उनकी पार्टी पूरी तरह खामोशी से सब नजारा देख रही है।

बता दें कि जयंत का आखरी ट्वीट बीती 9 फरवरी को देखा गया था। जब उनके दादा और पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की गई थी। तब उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था- हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है। इस ट्वीट के बाद से उनका कोई ट्वीट सामने नहीं आया है।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने जयंत की तुप्पी पर सवाल उठाते हुए कह भी दिया कि रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह भाजपा के साथ ही हैं, अब उन्हें किसानों का फैसला करा देना चाहिए। अगर वह किसानों का फैसला नहीं करा पाए तो नुकसान होगा। सरकार भी समझ लें कि सिर्फ भारत रत्न देने से काम नहीं चलेगा, अन्नदाता की समस्याओं का समाधान करना होगा।

बता दें, कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जयंत सिंह परपोते है, जिनको किसानों के मसीहा के रूप में भी अब तक जाना जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों में जयंत के दादा की एक अलग ही छाप है। यहां के तमाम किसानों का कहना है कि वह उनके लिए किसी भगवान से कम नहीं थे, लेकिन जयंत इनके विपरीत है। वह अपनी राजनीतिक फायदे के लिए सपा का दामन छोड़ एनडीए में शामिल हो गए।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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