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मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर टिकट की लड़ाई जारी, BJP में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त

Lok Sabha Election 2024: मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों की धड़कने लगातार तेज होती जा रही हैं।

Sushil Kumar
Published on: 6 March 2024 5:38 PM IST
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मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर टिकट की लड़ाई जारी (सोशल मीडिया)

Lok Sabha Election 2024: मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों की धड़कने लगातार तेज होती जा रही हैं। दरअसल,2024 के चुनाव के लिए पक्ष या विपक्ष किसी भी ओर से अब तक उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है। इसलिए, समीकरणों के साथ यहां चेहरों की तलाश जारी है। सपा और कांग्रेस का गठबंधन है और सीट सपा के खाते में हैं। वहीं अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी बसपा भी अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। भाजपा की बात करें तो इस बार मेरठ सीट पर बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं।

बता दें कि भाजपा 195 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। इनमें पश्चिम उत्तर प्रदेश की 14 में से 8 सीटों के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। इनमें 2019 में चुनाव जीते अधिकतर प्रत्याशियों को रिपीट किया गया है। मेरठ को होल्ड पर रख दिया गया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि मेरठ में पार्टी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है। मेरठ में राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कटता है तो यहां पर वैश्य को ही टिकट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यही वजह है कि मेरठ कैंट विधायक अमित अग्रवाल, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संजीव गोयल सिक्का, व्यापारी नेता विनीत अग्रवाल शारदा आदि अधिकांश वैश्य बिरादरी के नेता दावेदारी में हैं।

भाजपा राजनीतिक हलकों में इस बात की भी अटकलें तेजी से गश्त कर रही हैं कि मेरठ में कोई बड़ा चेहरा भी उतार जा सकता है। इनमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व मेरठ क्लस्टर के हेड कपिल देव अग्रवाल के अलावा रामायण सीरियल से प्रसिद्धि पाने वाले अरुण गोविल का नाम भी चर्चा में है। अरुण गोविल मेरठ के ही रहने वाले हैं। वैसे,भाजपा से मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी चौथी बार दिल्ली पहुंचने के लिए अपनी तरफ से दौड़-धूप में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

आकंड़ो की बात करें तो मेरठ-हापुड़ सीट पर 4 लाख वोटर वैश्य, ठाकुर ब्राह्मण बिरादरी के हैं। 1-1 लाख जाट व गुर्जर हैं। 3 लाख से अधिक दलित बिरादरी के वोटर हैं। मेरठ सीट उन सीटों में से हैं जहां चुनाव में मुद्दे चाहे जो हों, पर इस सीट पर बूथ तक जाते-जाते मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण हो ही जाता है। इसलिए प्रत्याशी यहां सारे समीकरण ध्रुवीकरण को ध्यान में ही रखकर बनाते हैं। जब-जब यहां मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं हुआ, तब-तब भाजपा की राह मुश्किल हुई है।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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