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Meerut News: हस्तिनापुर क्षेत्र में गंगा का तटबंध टूटने से सैंकड़ों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराया

Meerut News: गांवों के चारों ओर पूरा जंगल जलमग्न हो गया। गांव के आसपास खड़े भूसे के स्टॉक में भी पानी भर गया है।

Sushil Kumar
Published on: 13 July 2023 7:56 AM GMT
Meerut News: हस्तिनापुर क्षेत्र में गंगा का तटबंध टूटने से सैंकड़ों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराया
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Meerut News (photo: social media )

Meerut News: गंगा के जलस्तर ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सिरजेपुर गांव के पास गंगा का तटबंध टूट जाने के बाद तो क्षेत्र के सैकड़ों गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सिरजोपुर गांव के अलावा हादीपुर गांवड़ी, किशनपुर, लतीफपुर, भीमकुंड, दूधली खादर, राठौरा कला आदि गांव के चारों ओर पानी पहुंच चुका है। गांवों के चारों ओर पूरा जंगल जलमग्न हो गया। गांव के आसपास खड़े भूसे के स्टॉक में भी पानी भर गया है।

सूचना पर गांव पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। बता दें कि लगातार बारिश से गंगा नदी पिछले चार दिनों से उफान पर है। आज गंगा का जलस्तर दो लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया। नतीजन, हस्तिनापुर के सिरजेपुर गांव के समीप तटबंध टूट गया। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा टूटे तटबंध पर प्लास्टिक के मिट्टी के बैग लगाकर पानी को रोकने की कोशिश की गई। लेकिन गंगा का जलस्तर अधिक होने के कारण गंगा से बाहर निकल रहा पानी नहीं रुक सका। इससे कई गांवों और जंगलों में पानी पहुंच गया।

इलाके के एसडीएम अखिलेश यादव ने बाढ़ के कारण हालात विस्फोटक होने की बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि गंगा से निकलने वाला पानी अभी घरों में नहीं पहुंचा है। गांव के कुछ रास्तों से जंगल में जा रहा है। राजस्व विभाग और सिंचाई विभाग की टीम को गांव के हालातों पर नजर बनाए रखने के लिए मुस्तैद किया गया है।

चबूतरो की साफ सफाई तक नही कराई

वहीं इलाके के ग्रामीण हालात के लिए प्रशासन को दोषी बता रहे हैं उनका कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में उन्हें यह सब कुछ सहना पड़ता है। ग्रामीणों के अनुसार सरकार द्वारा खादर क्षेत्र के लोगों को बाढ़ से तत्काल राहत देने के लिए बाढग़्रस्त गांवों के समीप करोड़ों की लागत से आठ बाढ़ सेल्टर बनवा तो दिए। लेकिन, बाढ चबूतरो की साफ सफाई तक नही कराई गई। सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए इन बाढ़ सेल्टरों को पंचायत विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था।

जयवीर सिंह, ललित, आशू, भल्लन आदि ग्रामीणों के अनुलसार इन सेल्टरों की हालत निर्माण पूर्ण होने के बाद से ही दयनीय हो गई थी। जगह जगह से शेड़ टूट गए थे ओर बाढ़ चबुतरे भी फट गए थे। शौचालयों के दरवाजे टूट गए है, नल खराब है, ऊंची ऊंची झाडिय़ां उगी है, टीन शेड टूटे है। ग्रामीणों की शिकायत पर इन बाढ़ चबूतरों की कई बार जांच भी हुई। लेकिन,जांच रिपोर्ट का आज तक पता नहीं लगा है।

Sushil Kumar

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