Meerut News "नेता बनो, करोड़पति बनो-फिर भी लो पेंशन?", जनता पूछ रही क्या यह न्याय है?

Sushil Kumar
Published on: 12 April 2025 8:15 PM IST
Former Meerut MLA Gopal Kali says leave former MP-MLA pension
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मेरठ के पूर्व विधायक गोपाल काली ने कहा पूर्व सांसद-विधायक पेंशन छोड़ें (Photo- Social Media)

Meerut News: क्या करोड़ों की संपत्ति रखने वाले पूर्व सांसदों और विधायकों को भी पेंशन की ज़रूरत है? क्या नेता पद से हटने के बाद भी जनता की जेब पर बोझ बने रहें? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट ने इस बहस को फिर हवा दे दी है।

नेताओं की संपत्ति और पेंशन

फेसबुक पर सक्रिय मेरठ के पूर्व विधायक गोपाल काली ने दो टूक कहा है – “जिन नेताओं की चल-अचल संपत्ति दो करोड़ से ज्यादा है, उन्हें पेंशन और सरकारी सुविधाएं मिलना बंद होनी चाहिए।" उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि “जिनकी संपत्ति दस करोड़ से ऊपर है, उन्हें वेतन तक नहीं मिलना चाहिए।”

गोपाल काली ने आरोप लगाया कि अब राजनीति सेवा का माध्यम नहीं, बल्कि पैसा कमाने का सबसे तेज़ तरीका बन चुकी है। "90% नेता अब प्रॉपर्टी डीलर, स्कूल माफिया या धन-सफेदी के उस्ताद हैं। समाजसेवी तो अब राजनीति से गायब ही हो गए हैं," उन्होंने लिखा।

उनका दावा है कि चुनावी टिकट अब योग्यता से नहीं, धनबल से मिलते हैं। “जिन्हें धन्ना सेठ खरीद लेते हैं, वो संसद-विधानसभा तक पहुंच जाते हैं,” उन्होंने कटाक्ष किया।

गोपाल काली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गैस सब्सिडी छोड़ो’ मुहिम का हवाला देते हुए कहा – "जब करोड़ों आम लोग सब्सिडी छोड़ सकते हैं, तो करोड़पति नेता क्यों नहीं?"

पूर्व सांसद-विधायक पेंशन छोड़ें

उन्होंने मांग की कि न सिर्फ पूर्व सांसद-विधायक पेंशन छोड़ें, बल्कि सभी जनप्रतिनिधि अपनी संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें – ठीक वैसे ही जैसे सरकारी कर्मचारी करते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोई नेता इस चुनौती को स्वीकार करता है, या फिर यह आवाज़ भी बाकी सवालों की तरह सियासत की गूंज में दब कर रह जाएगी।

Shashi kant gautam

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