Meerut News: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति राष्ट्रीय सेमिनार में बोले-समाज में सभी को अपने दायित्व निभाने से मानवाधिकार होंगे संरक्षित

Meerut News: स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती विधि संस्थान में मानवाधिकारों व महिला अधिकारों के विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जवाहर लाल कौल ने कहा कि मानव अधिकार प्राप्त होने से पूरा समाज सम्मानित जीवन प्राप्त कर सकता है।

Sushil Kumar
Published on: 17 Feb 2024 4:55 PM GMT
Former Vice Chancellor of Hemwati Nandan Bahuguna Garhwal University, Dr. Jawahar Lal Kaul spoke in the national seminar
X

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जवाहर लाल कौल राष्ट्रीय सेमिनार में बोले: Photo- Newstrack

Meerut News: स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती विधि संस्थान में मानवाधिकारों व महिला अधिकारों के विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जवाहर लाल कौल ने कहा कि मानव अधिकार प्राप्त होने से पूरा समाज सम्मानित जीवन प्राप्त कर सकता है। आज प्रत्येक महिला व बच्चे को शिक्षा का अधिकार देकर सशक्त बनाना होगा। केवल कानूनी अधिकार देने से लैंगिक समानता समाज में नहीं लाई जा सकती है, इसके लिए हमें सोच में परिवर्तन लाना होगा। सतत विकास लक्ष्य, एजेंडा-2030 को सम्भव बनाने के लिए समाज में सभी को अपना दायित्व निभाना होगा। उन्होंने सुभारती विधि संस्थान द्वारा विधि के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

इससे पहले सेमिनार का विधिवत् शुभारम्भ मुख्य अतिथि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जवाहर लाल कौल, आर.ए.एफ. एकेडमी के मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी श्यामलाल, इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के उपनिदेशक डॉ. विनय कुमार सिंह, सुभारती लॉ कॉलेज के निदेशक व पूर्व न्यायमूर्ति प्रयागराज हाईकोर्ट राजेश चन्द्रा, सुभारती विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.अभय शंकरगौड़ा, सुभारती डेन्टल कॉलिज की प्रो. विनीता निखिल, सुभारती विधि संस्थान के संकायाध्यक्ष व सेमिनार के संयोजक डॉ. वैभव गोयल भारतीय द्वारा माँ सरस्वती का स्मरण करते हुए दीप प्रज्वलित कर किया गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय सेमिनार में सभी अतिथियों का स्वागत पर्यावरण संरक्षण के तहत पौधा भेंट कर किया गया।

कार्यक्रम की सफलता हेतु राष्ट्रीय सेमिनार के मुख्य संरक्षक स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण, कुलाधिपति डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़ एवं सेमिनार के संरक्षक कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कार्यक्रम की सहसंयोजक डॉ. रीना विश्नोई ने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी, आर.ए.एफ. एकेडमी, गृह मंत्रालय, भारत सरकार श्री श्यामलाल ने अपने संबोधन में मानवाधिकारों की रक्षा हेतु सुरक्षा बलों के कर्तव्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पूर्व न्यायमूर्ति प्रयागराज हाईकोर्ट राजेश चन्द्रा ने अपने संबोधन में शाहबानो केस, सबरीमाला मामले आदि में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों की चर्चा करते हुए सभी नागरिकों के समान अधिकारों के विषय में विस्तार से बताया। सुभारती डेंटल कॉलेज की प्रो. विनीता निखिल ने कहा कि अभी तक महिलाओं को उनके केवल कर्तव्य ही बताये गये हैं, उनके अधिकारों की चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय में छात्रों, महिलाओं के लिए कमेटी गठित कर सुरक्षित माहौल स्थापित किया हुआ हैं।

स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. अभय शंकरगौड़ा ने अपने सम्बोधन में कहा कि मानवाधिकार की रक्षा की मुहिम की शुरुआत अपने स्वयं के घर से करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि अपनी माँ, बहन, पत्नी और बेटी के मानवाधिकारों की रक्षा करके एक सशक्त समाज की नीव डाली जा सकती है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय में मानवाधिकार एवं महिला अधिकार की रक्षा हेतु चलाने जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी।

इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के उपनिदेशक डॉ. विनय कुमार सिंह ने कहा कि मनुष्य स्वतंत्र पैदा होते हैं और उन्हें जीवन, स्वतंत्रता और व्यक्ति की सुरक्षा, कानून के समक्ष समानता और कानून की समान सुरक्षा और विचार, विवेक, धर्म, राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। मानवाधिकारों के संरक्षण को महत्व देने के लिये संविधान में मानवाधिकार हेतु अधिनियम है। सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र के अध्यक्ष इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के उपनिदेशक डॉ. विनय कुमार सिंह व डॉ.सीमा शर्मा रही। दूसरे सत्र में अध्यक्ष मुख्य अतिथि डॉ. जवाहर लाल कौल व लॉ कॉलेज के निदेशक पूर्व न्यायाधीश राजेश चन्द्रा रहे। तीसरे सत्र में मुख्य प्रशिक्षण अधिकारी आर.ए.एफ श्री श्यामलाल व आफरीन अल्मास एवं अजय राज सिंह रहे। डायरेक्टर रिसर्च डॉ. एपी गर्ग ने कहा कि भारत देश ने विश्व में सबसे ज्यादा मानवाअधिकारों को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को उसकी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान करना ही मानव अधिकारों का सबसे बढ़ा उदाहरण है।

राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक व सुभारती विधि संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने सभी अतिथियों व वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन लॉ कॉलेज की छात्रा इफरा सिद्दिकी व पलक त्यागी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में डॉ. हिरो हितो, डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. सोकेन्द्र कुमार, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. रफत खानम, डॉ. सरताज अहमद, डॉ. सारिका त्यागी, डॉ. प्रेम चन्द्र, आफरीन अल्मास, विकास त्यागी, एना सिसोदिया, शालिनी गोयल, अजय राज सिंह, सोनल जैन, आशुतोष देशवाल, अरशद आलम आदि शिक्षक तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story