Meerut News: कंट्रोल रूम को झूठी सूचना देने वाले पुलिसकर्मी मुकदमा दर्ज होने के बाद हुए फरार

Meerut News: 30 अक्तूबर को चारों पुलिसकर्मियों को एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने निलंबित कर दिया था। होमगार्ड के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमांडेंट को रिपोर्ट भेजी थी।

Sushil Kumar
Published on: 4 Nov 2024 6:59 AM GMT
Meerut News: कंट्रोल रूम को झूठी सूचना देने वाले पुलिसकर्मी मुकदमा दर्ज होने के बाद हुए फरार
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कंट्रोल रूम को झूठी सूचना देने वाले पुलिसकर्मी फरार  (photo: social media )

Meerut News: कंट्रोल रूम को झूठी सूचना देने वाले चारों पुलिसकर्मी पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार हो गये हैं। सिविल लाइन थाना प्रभारी महावीर सिंह ने न्यूजट्रैक को आज घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। जल्द ही इनको गिरफ्तार किया जाएगा।

थाना सिविल लाइन प्रभारी के अनुसार गत एक नवम्बर को डायल-112 के प्रभारी बलराम सिंह की तहरीर पर थाने में हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेंद्र कुमार, चालक राजन और होमगार्ड सुनील कुमार के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद से इनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। बता दें कि इससे पहले 30 अक्तूबर को चारों पुलिसकर्मियों को एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने निलंबित कर दिया था। होमगार्ड के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमांडेंट को रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद जिला कमाडेन्ट सिद्धार्थ चौधरी ने आरोपी होमगार्ड सुनील कुमार को निलंबित कर दिया था।

क्या है मामला ?

घटना के बारे में पूछने पर सिविल लाइन थाना प्रभारी ने बताया कि घटना थाना परीक्षितगढ़ क्षेत्र की है। लेकिन,इसका मुकदमा हमारे यहां लिखा गया है। घटना में नामजद पुलिसकर्मियों पर आरोप यही है कि यह किसी मोबाइल नम्बर से फर्जी इवेंट क्रिएट करके फिर खुद उस स्थान पर पहुंच कर वसूली करते थे। उधर,एसएसपी विपिन ताडा ने घटना के बारे में स्थानीय मीडिया को जो कुछ बताया उसके अनुसार परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र की पीआरबी में यह पांचों पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान खुद ही किसी राहगीर के फोन से कंट्रोल रूप में किसी अपराध की सूचना देते थे। चूंकि उस घटना स्थल के नजदीक इन्हीं की लोकेशन मिलती थी, इसलिए यह कंप्लेंट इन्हीं मिल भी जाती थी. इसके बाद ये उस स्थान पर जाकर अवैध वसूली करते और फिर कंट्रोल रूप में फोन कर कंपलेंट क्लोज करा देते थे। मामला तब पकड़ में आया जैसा कि पुलिस का कहना है कि एक अन्य मामले में कंट्रोल रूप से फीडबैक कॉल आया तो फोन उठाने वाले व्यक्ति ने कहा कि फोन उसने नहीं, बल्कि पुलिस वालों ने उसका फोन लेकर खुद किया था। इससे संदेह हुआ तो कंट्रोल रूम से एसएसपी मेरठ को सूचना दी गई। इस सूचना पर एसएसपी ने जांच कराई और पूरे मामले का खुलासा हो गया।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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