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Convocation : मेरठ में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा, भारत विश्व में सबसे बड़ा कृषि सेक्टर
Meerut News : सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आज विश्वभर में पोषण की दृष्टि से लोगों का विश्वास श्रीअन्न उत्पादों पर बढ़ा है।
Meerut News : सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आज विश्वभर में पोषण की दृष्टि से लोगों का विश्वास श्रीअन्न उत्पादों पर बढ़ा है। भारत के पास विश्व का 2.4 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र है तथा 04 प्रतिशत जल संसाधन हैं। भारत विश्व में सबसे बड़ा कृषि का सेक्टर है। राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 20 पदक व स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी में छात्र-छात्राओं को कुल 270 उपाधियां प्रदान की गई।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपालआनंदी बेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मेरठ ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मेरठ की भूमि का अपना धार्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास भी रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने किसानों की आय दोगुनी करने को कहा है, जिसमें प्राकृतिक और जैविक खेती सहायक सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री जी ने श्रीअन्न को ब्रांड के रूप में विकसित कर दिया है। श्रीअन्न स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है तथा किसानों को इसकी खेती से आर्थिक लाभ भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कैम्पस प्लेसमेंट अभियान चलाकर 28 कम्पनियों के साक्षात्कार आयोजित किए गए, जिसमें 110 छात्रों ने प्रतिभाग किया और 48 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को बधाई दी
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो अपने जीवन में कृषि के ज्ञान को व्यवहारिकता में लाए तथा सरकार के द्वारा दिए जा रहे स्टार्टअप योजनाओं से जुड़कर लाभ उठाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय से आहवान किया कि नैक के बेहतर ग्रेडिंग हेतु प्रयास किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा 08 पेटेंट दाखिल करने एवं 03 पेटेंट का पंजीकरण होने पर विश्वविद्यालय को बधाई दी। साथ ही राज्यपाल ने ड्रोन सखी परियोजना को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान के रूप में लेकर अपनी आय को बढ़ाने का उत्तम जरिया बताया।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पीपल के पौधे में जल अर्पित कर किया गया। राज्यपाल ने स्कूल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों व श्रेष्ठ आंगनबाड़ी को सम्मानित किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को उपहार एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बच्चों के लिए आंगनबाडी किट का वितरण किया। कुलपति ने द्वारा कुलाधिपति, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कृषि मंत्री ने एग्रो टूरिज्म पर जोर दिया
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान सूर्य प्रताप शाही ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्थान में कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना करते हुए भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप कार्य करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एग्रो टूरिज्म की सम्भावनाओं को तलाशा जाए ताकि स्थानीय युवाओं को ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्राप्त हो सके। कृषि मंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के विभिन्न परियोजनाओं हेतु विगत में लगभग 100 करोड़ रुपए की सहायता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को सुदृढ़ करने हेतु 1000 व्यक्तियों के लिए बृहद ऑडिटोरियम के निर्माण हेतु धन अवमुक्त करने की घोषणा की। विकसित भारत में छात्रों की भूमिका का जिक्र करते हुए छात्रों को अनुशासित होकर पढ़ाई करने एवं मेहनत से कार्य करने का आह्वान किया।
एमओयू पर हस्ताक्षर
मुख्य अतिथि अध्यक्ष कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली डाॅ. संजय कुमार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2025 तक 4.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। इसमें कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होगा। कृषि भारत की आर्थिक नींव है, ये 55 प्रतिशत से अधिक आबादी को रोजगार देती है। आज हमारा देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बन गया है। कुलपति प्रो. केके सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य ऐसे छात्रों एवं छात्राओं को तैयार और प्रशिक्षित करना होता है, जिससे वे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और दृढ़ता के साथ जीवन संघर्ष का सामना कर सके। कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यूपीकैटेट परीक्षा के सफल संचालन का जिक्र किया। पूर्व सैनिक पुर्नवास महानिदेशालय, नई दिल्ली के महानिदेशक मेजर जनरल एसबीके सिंह एवं विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. केके सिंह ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसके अन्तर्गत भारतीय सेना के सेवानिवृत्त होने वाले अथवा सेवानिवृत्त कर्मियों को विश्वविद्यालय द्वारा 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर मेजर जनरल एसबीके सिंह ने अवगत कराया कि इस तरह के एमओयू करने वाला यह देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय हैं।