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Meerut News: परिवार नियोजन का जिम्मा महिलाओं पर, दो पुरुषों, 27 महिलाओं ने अपनाई नसबंदी
Meerut News: इसका खुलासा आज एक बार फिर उस समय हुआ जब खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक संख्या में नसबंदी कराने पहुंची।
Meerut News: जिस तरह महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकलती जा रही हैं, उसी तरह परिवार नियोजन का जिम्मा भी उन्होंने अपने कंधों पर लिया हुआ है। जिले में परिवार नियोजन की भागीदारी में पुरुष फिसड्डी हैं। यहां महिलाएं ही इस जिम्मेदारी को निभा रही हैं। इसका खुलासा आज एक बार फिर उस समय हुआ जब खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक संख्या में नसबंदी कराने पहुंची।
दरअसल, आज जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान 1803 लाभार्थी परिवार नियोजन की सेवा लेने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचे। दो पुरुषों और 27 महिलाओं ने नसबंदी करायी। इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों ने परिवार नियोजन के सुरक्षित साधनों के बारे में जानकारी दी। यह भी बताया कि परिवार नियोजन क्यों जरूरी है। इस दौरान 102 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन अपनाया। 240 महिलाओं ने छाया व 213 महिलाओं को माला एन गोली प्राप्त की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया-परिवार नियोजन पूरी प्लानिंग के साथ परिवार पूरा करने का एक कार्यक्रम है। मां व शिशु का अच्छा स्वास्थ्य इस कार्यक्रम का आधार है। विभाग का प्रयास है कि लोग परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हों। खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के सहयोग से परिवार नियोजन के बारे में काउंसलिंग की गई। शासन से मिले निर्देशों के मुताबिक इस आयोजन का उद्देश्य उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती, एक वर्ष के दौरान शादी करने वाले दंपति और तीन या उससे अधिक बच्चों वाले दंपति को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी देना और उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें जरूरी साधन उपलब्ध कराना है। उन्होंने दो बच्चों के जन्म के बीच तीन वर्ष का सुरक्षित अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों की जानकारी दी। इस दौरान महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी की सुविधा मुहैया कराई गई। परिवार पूरा कर चुके योग्य दंपति को परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने की सलाह दी गई।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ. जावेद ने बताया कि जिला महिला अस्पताल के साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उप केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस मनाया गया। साथ ही परिवार नियोजन साधनों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। दो बच्चों के जन्म के बीच सुरक्षित तीन वर्ष के अंतर का महत्व बताया गया।
उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह खुशहाल परिवार दिवस पर लक्षित समूह की चिन्हित महिलाओं को स्वास्थ्य केन्द्रों पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि उनको विस्तार से परिवार नियोजन साधनों के बारे में जानकारी मुहैया कराई जा सके। साझा प्रयास के विशेषज्ञों ने सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि लोगों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।