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Meerut News: मेरठ के सेंट्रल मार्केट में नहीं मनेगी होली,जानिए क्यों . . .
Meerut News: पिछले दिनो परिषद ने सेंट्रल मार्केट के भूखंड संख्या 661/6 पर अनाधिकृत निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के संबंध में नोटिस चस्पा कर दिया।
Meerut News: शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में इस बार होली नहीं मनेगी। सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ व नई सड़क व्यापार संघ समेत आसपास के व्यापारियों ने इस बार होली नहीं मनाने का फैसला लिया है। दरअसल,सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 17 मार्च तक कांप्लेक्स से व्यापारियों को अपनी दुकानें खाली करनी है। इसलिए व्यापारियों ने ऐसा फैसला लिया है।
सेंट्रल मार्केट के अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल ने आज कहा कि सेंट्रल मार्केट में आए संकट को लेकर इस वर्ष होने वाले मार्केट के होली मिलन समारोह को कैंसिल कर दिया गया है। जितेंद्र अग्रवाल ने कहा की व्यापारिक संस्थानों पर बुल्डोज़र चलने की नौबत के बाद होली मनाने का कोई मतलब ही नहीं होता जब मार्केट के व्यापारी संकट में हो तो कैसे खुशियां मनाये। उन्होंने कहा कि फिलहाल व्यापारियों ने शासन और प्रशासन से हस्तक्षेप कर सेंट्रल मार्केट को बर्बाद होने से बचने की ही गुहार लगाई है। उधर आवास विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में कॉम्पलेक्स के सभी 21 व्यापारियों के नाम का नोटिस कॉम्पलेक्स पर चस्पा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराया जाएगा।
बता दें कि सेंट्रल मार्केट मामले में आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर भू-उपयोग परिवर्तन कर बनाए गए कॉम्पलेक्स और उसके जैसे निर्माणों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ध्वस्तीकरण के आदेश में परिसर खाली करने की समय सीमा 17 मार्च को खत्म हो रही है। इसके चलते आवास एवं विकास परिषद ने कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले दिनो परिषद ने सेंट्रल मार्केट के भूखंड संख्या 661/6 पर अनाधिकृत निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के संबंध में नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस में भूखंड के उन सभी 21 हिस्सेदार व्यापारियों के नाम दिए गए है जिन्हें परिषद की तरफ से पहले ही नोटिस दिए जा चुके हैं।
नोटिस में कहा गया 17 मार्च तक उक्त परिसर को खाली करके परिषद के सुपर्द कर दिया जाए ताकि ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पूरी करते हुए आख्या सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जा सके। अगर व्यापारियों ने स्वयं अनाधिकृत निर्माण को ध्वस्त नहीं किया तो ध्वस्तीकरण की दशा में उस पर आने वाले खर्च की वसूली राजस्व की भांति की जाएगी।