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Meerut News: राजनीतिक हलकों में एक बार फिर जयंत चौधरी के इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ने की चर्चा हुई गर्म
Meerut News: आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उनकी तरफ से कहा गया है कि ‘पार्टी की जल्द ही बड़ी बैठक होगी। बैठक में हम आगामी चुनाव के लिए गठबंधन पर विचार करेंगे। विचार किया जाएगा कि इंडिया गठबंधन में रहना है या उससे अलग रास्ते पर चलना है।
Meerut News: यूपी की राजनीतिक हलकों में जयंत चौधरी एक बार फिर चर्चाओं के केन्द्र में हैं। बीते दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद राजनीतिक हलकों में तेजी से चल रही रही अटकलों के अनुसार जयंत की पार्टी आरएलडी अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ सकती है।
आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी के ताजा बयान के बाद इन अटकलों को और हवा मिली है। बता दें कि आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उनकी तरफ से कहा गया है कि ‘पार्टी की जल्द ही बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में हम आगामी चुनाव के लिए गठबंधन पर विचार करेंगे। बैठक में विचार किया जाएगा कि इंडिया गठबंधन में रहना है या उससे अलग रास्ते पर चलना है।
आरएलडी अभी भी गठबंधन में है और रहेगी
हालांकि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री डा.मैराजुउद्दीन अहमद ने न्यूजट्रौक से बातचीत में इस तरह की अटकलों को मात्र अटकल ही बताया है। इस संबंध में आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी के ताजा बयान के बावत पूछने पर आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव मैराजुउद्दीन कहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं है, वे (शाहिद सिद्दीकी) पत्रकार रहे हैं। इसलिए मीडिया के बीच ऐसा कुछ कहते रहते हैं। मैराजुउद्दीन के अनुसार सही बात तो यही है कि आरएलडी अभी भी गठबंधन में है और रहेगी। बाकी इस बारे में अंतिम फैसला जयंत चैधरी जी ही करेंगे।
दरअसल, आरएलडी को लेकर राजनीतिक हलकों में इस तरह की चर्चाएं कोई पहली बार नहीं हो रही है। इससे पहले भी चुनावों से पहले आरएलडी को लेकर इस तरह की अटकलें मीडिया में गश्त करती रहती हैं। इसकी बड़ी वजह आरएलडी का अभी तक इतिहास है जिसके अनुसार सूबे में आरएलडी बीजेपी से लेकर कांग्रेस और बसपा सहित सभी प्रमुख दलों के साथ हाथ मिला चुकी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 2024 में जयंत चौधरी क्या सियासी गुल खिलाते है?