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कांवड़ः कट बंद होने से वन-वे व्यवस्था हुई धड़ाम, जाम से जूझ रहे लोग
Meerut News: 22 जुलाई से भारी वाहनों और यात्री बसों के लिए पुलिस की तरफ से रूट डायवर्ट किया जाएगा। सूत्रों की माने तो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बंद नहीं किया जाएगा।
Meerut News: जिले में 22 जुलाई को शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के मद्देनजर हालांकि 25 जुलाई के बाद भारी वाहनों एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन, ट्रैफिक पुलिस ने कांवड़ियों की सुरक्षा व यातायात के संचालन के लिए व्यवस्था अभी से बनानी शुरू कर दी है। शहर के अंदरूनी इलाकों की सड़क के रास्तों पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगानी और डिवाइडरों के कट को बंद करना शुरू कर दिया है। बैरिकेडिंग बेपटरी व्यवस्था के चलते लोगो को जाम से जूझना पड़ रहा है। लोगों को मिनटों का रास्ता घंटों में तय करना पड़ रहा है।
बता दें कि 22 जुलाई से भारी वाहनों और यात्री बसों के लिए पुलिस की तरफ से रूट डायवर्ट किया जाएगा। सूत्रों की माने तो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बंद नहीं किया जाएगा। बताय जा रहा है कि एक्सप्रेसवे पर कांवड़ियों के प्रवेश रोककर उन्हें गंगनहर चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग से निकाले जाएगा। मेरठ एडीजी जोन ध्रुवकांत ठाकुर ने बताया कि कांवड़ियों को रास्तों की जानकारी देने और पार्किंग व्यवस्था के लिए क्यूआर कोड जारी किया है।
इससे कांवड़ यात्रा न केवल आसान और सुरक्षित होगी बल्कि वाहन पार्किंग, खोया पाया, जाम जैसी समस्याओं का निदान अपने ही मोबाइल पर ही मिलेगा। इसके लिए बस मोबाइल स्कैनर का इस्तेमाल करना होगा। कांवड़ यात्रा बेहद पुण्यदायी तीर्थयात्रा मानी जाती है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखती है। यह यात्रा आमतौर पर सावन के पहले दिन शुरू होती है। इस साल कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई से होगी। यह पवित्र यात्रा भक्तों की अटूट आस्था और शुभता का प्रतीक है। यह हर साल सावन के पहले दिन शुरू होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस यात्रा में शामिल होते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही उन्हें भोलेनाथ का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस आध्यात्मिक यात्रा में गंगा नदी से पवित्र जल लाना और इसे शिव मंदिरों, में चढ़ाना शामिल है।