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Meerut News: फिरौती के लिए सात साल के बच्चे का अपहरण कर की थी हत्या, 17 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा, जानें पूरा मामला

Meerut News: एक मासूम बालक के फिरौती के लिए किए अपहरण और हत्या के आरोपी शमशाद को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

Sushil Kumar
Published on: 8 Nov 2024 9:41 PM IST
A 7 year old child was kidnapped and murdered for ransom, court pronounced the verdict after 17 years Punishment
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Bulandshahr news: Photo- Social Media

Meerut News: जिले की एडीजे-05 मेरठ कोर्ट द्वारा आज सात साल के एक मासूम बालक के फिरौती के लिए किए अपहरण और हत्या के आरोपी शमशाद को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

जिला पुलिस प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मेरठ शहर के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के रशीदनगर निवासी इरशाद के करीब सात साल के बेटे नौमान का दो अगस्त 2007 को दस लाख की फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया था।

घटना के संबंध में इरशाद ने इलाके के ही जमील,शमशाद, और दिलशाद कसाई के खिलाफ अपहरण करके 10 लाख रुपये की फिरौती मांगने व जान से मारने की धमकी देने के संबध में थाना लिसाड़ी गेट पर तहरीर दी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र निवासी जमील,थाना मवाना क्षेत्र निवासी शमशाद और दिलशाद कसाई के खिलाफ धारा-364ए/506 मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

ईंख के खेत से बरामद हुआ था बच्चे का शव

बाद में पता चला कि आरोपियों द्वारा बच्चे की हत्या कर दी गई है। बच्चे का शव तीन अगस्त 2007 को लावड रोड से ईंख के खेत से बरामद किया गया जिसके आधार पर मुकदमा उपरोक्त मे धारा 302/201/34 भादवि की वृद्दि की गयी। मुकदमें की सुनवाई के दौरान घटना में नामजद जमील व दिलशाद की मृत्यु हो चुकी है।

जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार इस मामले को जनपद स्तर पर घटित जघन्य अपराधों की श्रेणी में चिहिन्त करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ के निर्देशन में पुलिस द्वारा न्यायालय में सशक्त, प्रभावी पैरवी की गयी जिसके परिणामस्वरुप आज इस मुकदमें में शेष अभियुक्त शमशाद को दोषी पाते हुए न्यायालय एडीजे-05 मेरठ रवि यादव द्वारा अन्तर्गत धारा-302/34 भादवि मे सश्रम आजीवन कारावास व 20,000 रुपये के अर्थदण्ड़ से दण्डित किया गया।

अर्थदण्ड न देने की स्थिति में 02 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया जाएगा तथा धारा-364ए भादवि के अन्तर्गत सश्रम आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, अर्थदण्ड न देने पर दो साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास दिया जायेगा। धारा-201 भादवि के अन्तर्गत सात साल की सश्रम कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड न देने पर एक साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास का कारावास दिया जायेगा।



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Shashi kant gautam

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