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Lok Sabha Election 2024: मेरठ में हुए आजादी के बाद से अब तक हुए लोकसभा चुनावों पर एक नजर
Lok Sabha Election 2024: इसको वक्त की बिडंबना ही कहा जाएगा कि उत्तर प्रदेश में कई सालों तक शासन करने वाली कांग्रेस को अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के साथ सीट-बंटवारे में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 17 सीटें मिली हैं।
Lok Sabha Election 2024: "साहिर लुधियानवी " का एक शेर है, "इज्जत ए शोहरत ए उल्फत ए सब कुछ इस दुनिया में रहता नहीं, आज मैं हूँ जहां कल कोई और था, ये भी एक दौर है वो भी एक दौर है ।" साहिर लुधियानवी के इस शेर को सिनेमा जगत के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना अपने कैफ़ियत के दिनों का जिक्र करते करते हुए हर महफिल हर इंटरव्यू आदि बार - बार बोलते पाए गए हैं। वैसे, यह शेर देश की एक समय सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस पर भी चरितार्थ होता है।
इसको वक्त की बिडंबना ही कहा जाएगा कि उत्तर प्रदेश में कई सालों तक शासन करने वाली कांग्रेस को अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के साथ सीट-बंटवारे में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 17 सीटें मिली हैं, जबकि शेष 63 सीटों पर कौन चुनाव लड़ेगा, इसका फैसला अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी करेगी। यही नहीं मेरठ जहां कभी कांग्रेस के टिकट को ही दिल्ली और लखनऊ पहुंचने की गांरटी माना जाता था। वहां आज कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के तहत मेरठ लोकसभा सीट तक नसीब नहीं हुई है।
यहां बात देश और प्रदेश की ना कर केवल मेरठ की करें तो देश के पहले लोकसभा चुनाव 1951 में मेरठ की तीनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को भारी जीत मिली थी। इस चुनाव में मेरठ में 57.42 फीसदी मतदान हुआ था। बता दें कि उस समय मेरठ में लोकसभा की तीन सीटें मेरठ वेस्ट, मेरठ साउथ और मेरठ नार्थ ईस्ट हुआ करती थी। इनमें मेरठ वेस्ट सीट पर कांग्रेस की तरफ से खुशीराम शर्मा, किसान मजदूर प्रजा पार्टी (केएमपीपी) की तरफ से राजेन्द्र पाल सिंह के अलावा निर्दलीय हुकुम सिंह चुनाव में उतरे थे। इस चुनाव में कांग्रेस के खुशीराम शर्मा को मतदान में कुल पड़े मतो 205243 मतों में से 124601 मत यानी 60.71 मत प्रतिशत प्राप्त हुए थे। दूसरे नम्बर पर निर्दलीय हुकुम सिंह रहे थे जिन्हें 45551 मत मिले थे। इस तरह कांग्रेस उम्मीदवार ने निर्दलीय उम्मीदवार को 79050 मतों के अंतर से पराजित किया था। केएमपीपी के राजेन्द्र पाल सिंह को इस चुनाव में 35091 मत मिले थे।