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Meerut News: कभी चुनावी तैयारी में अव्वल रहने वाली बसपा हैं सबसे पीछे
Meerut News: मेरठ की ही बात करें तो चाहे लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा के चुनाव, तारीख नजदीक आने के कुछ महीने पहले मेरठ समेत वेस्ट यूपी के टिकटों को लेकर मायावती के सचिवालय में सरगर्मी बहुत बढ़ जाती थी। अब वो बात नहीं है।
Meerut News: भले अभी लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल न बजा हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। चुनावी तैयारी में अगर सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) है तो सबसे पीछे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) है। करीब एक साल पहले अपने प्रत्याशियों की घोषणा करके उनको सियासी मैदान में उतारने वाली बसपा इस बार अपने प्रत्याशिय़ों की घोषणा नहीं की है। दरअसल,जैसा कि पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी में अकेले दम पर 2024 में चुनाव लड़ने का आत्मबल नहीं बन पा रहा है। यह उस पार्टी की हालत है जिसने कि पिछले चुनाव में वेस्टर्न यूपी की चार सीटों बिजनौर, नगीना, सहारनपुर और अमरोहा में जीत हासिल की थी।
मेरठ की ही बात करें तो चाहे लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा के चुनाव, तारीख नजदीक आने के कुछ महीने पहले मेरठ समेत वेस्ट यूपी के टिकटों को लेकर मायावती के सचिवालय में सरगर्मी बहुत बढ़ जाती थी। अब वो बात नहीं है। बसपा के एक बड़े नेता उदासी भरे लहजे में कहते हैं कि टिकट मांगने वालों की लाइन तो तभी लगती है, जब राजनीति का बाजार चढ़ा हो। इस नेता के अनुसार बसपा का शेयर बाजार तो उसी समय धड़ाम हो गया था जब मायावती ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
शायद यही वजह है कि यूपी में बसपा के लोकसभा टिकट को लेकर कहीं कोई मारामारी नहीं दिख रही है। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट की ही बात करें तो यहां बसपा पर टिकट को लेकर कोई बड़ा नाम अभी तक सामने नहीं आया है। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में मेरठ-हापुड़ लोक सभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी कुछ वोटो के अंतर से ही हारे थे। याकूब कुरैशी फिलहाल जमानत पर हैं और राजनीति से पूरे तरह से कटे हुए हैं। वहीं बसपा के टिकट पर 2004 में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट जीतने वाली हाजी शाहिद अखलाक भी मायावती के अकेले लड़ने की घोषणा के बाद से फिलहाल बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने क मूड में नहीं हैं। बता दें कि शाहिद अखलाक बसपा के टिकट पर मेरठ के मेयर भी रह चुके हैं। शाहिद अखलाक के छोटे भाई राशिद अखलाक जरुर बसपा के टिकट के दावेदार बताए जा रहे हैं।
पिछले चुनाव में मेरठ में तीसरे नम्बर पर रहने वाली कांग्रेस की बात करे तो इस बार बसपा से अधिक दावेदारों की भीड़ तो कांग्रेस में दिख ही है। हालांकि अभी यह भी तय नहीं है कि गठबंधन में यह सीट किसके पास जाएगी।