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Meerut News: . . . तो ऐसे ही नहीं छेड़ा है संजीव बालियान ने पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने का सुर

Meerut News: मांग भी क्योंकि पार्टी के एक बड़े नेता और केंद्र के एक मंत्री द्वारा उठाई गई है। इसलिए सियासी हलकों में इसके मायने निकाले जाने शुरु हो गए हैं।

Sushil Kumar
Published on: 3 Oct 2023 4:57 PM IST
Sanjeev Balyan
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Sanjeev Balyan (Photo-Social Media)

Meerut News: अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के एजेंडे में पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने का मुद्दा शामिल नहीं था। बावजूद इसके अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान द्वारा पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाने और क्रांतिधरा मेरठ को उसकी राजधानी बनाए जाने की निकट भविष्य में बनने का संभावना जताना और मांग उठाने को बेशक पार्टी द्वारा उनकी (संजीव बालियान) व्यक्तिगत राय बताया जा रहा है। लेकिन, सियासी हल्को में बालियान के बयान को बीजेपी के हिडेन एजेंड़ें के तौर पर देखा जा रहा हैं।

वैसे,यह पहली बार है जब पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने की मांग सत्ताधारी बीजेपी की तरफ से उठाई गई है। मांग भी क्योंकि पार्टी के एक बड़े नेता और केंद्र के एक मंत्री द्वारा उठाई गई है। इसलिए सियासी हलकों में इसके मायने निकाले जाने शुरु हो गए हैं। कहा जा रहा है कि ऐसे में जबकि रालोद द्वारा जाट आरक्षण के मुद्दे को फिर से हवा दी जा रही है भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान द्वारा अलग पश्चिम उत्तर प्रदेश की मांग उठाना पार्टी की सोची-समझी रणनीति है।

बता दें कि रविवार को मेरठ में अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का आयोजन हुआ। जाट संसद में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न और जाटों को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग उठी। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान ने जोरदार ढंग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग को उठाया। उन्होंने तर्क दिया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आबादी आठ करोड़ है। इसको अलग राज्य बनना ही चाहिए। बहुत से छोटे-छोटे प्रदेश हैं, जिस दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बन जाएगा तो यह देश का सबसे अच्छा और समृद्ध प्रदेश होगा।

दरअसल, पश्चिम उप्र में बीजेपी का ग्राफ लगातार गिर रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने की मांग उठाने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान के संसदीय क्षेत्र के खतौली विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी की हार हुई। इससे पहले खुद संजीव बालियान बहुत कम अंतर से अजित सिंह से चुनाव जीत सके थे। चर्चा तो इस बार उनके टिकट कटने की भी हो रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि टिकट कटने की आशंका से भयभीत बालियान ने इसीलिए ही यह मुद्दा छेड़ा है। ताकि खुद को शहीद के रुप से स्थापित किया जा सके। क्योंकि तब उनके समर्थक यही कहेंगे कि पृथक उत्तर प्रदेश का मुद्दा उठाने के कारण ही बालियान को अपने टिकट से वंचित होना पड़ा है। दूसरी वजह यह भी है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने का मुद्दा बीजेपी के लिए काफी हद तक किसान आंदोलन की क्षति पूर्ति के रूप में कारगर साबित हो सकता है।

गौरतलब है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने का मुद्दा एक समय पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह के मुद्दो की फेहरिसत में सबसे ऊपर शामिल रहा है। 1999 में बागपत से लोकसभा चुनाव हारने के बाद चौधरी अजित सिंह ने हरित प्रदेश संघर्ष मोर्चा का गठन कर जगह - जगह सभाएं की थी। इसके बाद समय-समय पर अजित सिंह इस मुद्दे को हवा देते रहे हैं। इससे पहले वर्ष 1953 में दिल्ली के प्रथम सीएम चौधरी ब्रह्मप्रकाश ने मांग उठाई थी कि उप्र का कुछ हिस्सा दिल्ली राज्य में शामिल किया जाना चाहिए। इसके बाद 1955 में डा. भीमराव आंबेडकर ने भी अलग राज्य का समर्थन किया, तो 1989 में पूर्व सांसद केसी त्यागी ने भी संसद को इसके समर्थन में पत्र लिखा। 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी उप्र को चार भागों में बांटने का प्रस्ताव संसद में भेजा था, जो अभी भी लंबित है।

बीजेपी पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने के खिलाफ रही है। यही वजह है कि संजीव बालियान के पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग प्रदेश बनाए जाने की मांग का पार्टी द्वारा उनकी व्यक्तिगत राय बताया जा रहा है। मेरठ-हापुड़ सांसद राजेंद अग्रवाल से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि आज कहा कि अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर संजीव बालियान की उनकी निजी राय है। इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। केंद्रीय परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग पर कुछ कहने से ही इंकार कर दिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब पार्टी या सरकार की ओर से इस तरह की कोई तैयारी या घोषणा नहीं की गई है तो मैं क्या टिप्पणी दूं। मेरठ के भाजपा के फायर ब्रांड नेता और पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम ने तो खुलकर इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश अलग प्रदेश बना तो एक वर्ग की आबादी जिस हिसाब से बढ़ रही है। उससे राजनीति ही बदल जाएगी। बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक तो अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक हो जाएंगे।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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