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UP Politics: दलित राजनीति का अखाड़ा बने मेरठ ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें
UP Politics: सत्तापक्ष ने विरोधी पक्ष पर भाजपा पार्षद रेखा को गाली दिए जाने का आरोप लगाते हुए घटना को नारी सम्मान से जोड़ा है। जबकि विपक्ष भी लामबंद हो रहा है। इस बीच सबकी नजर 10 जनवरी की दलित महापंचायत पर टिकी है।
Meerut News: मेरठ में नगर निगम के सदन में हाथापाई के बाद पश्चिमी यूपी का ये जिला 'दलित राजनीति' का अखाड़ा बन गया है। ऐसे में जब कुछ महीनों बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं। मेरठ में अनुसूचित जाति वर्ग के वोटों की उम्मीद लगाए बैठी बीजेपी की मेरठ ही नहीं बल्कि प्रदेश की खासकर वेस्ट यूपी की दलित बाहुल्य सीटों को लेकर चिंता बढ़ गई है।
बीजेपी 'नारी सम्मान' से जोड़ने की कोशिश में
सत्ता पक्ष को चिंता इस प्रकरण के बाद एकजुट हुए विपक्ष को लेकर भी है। ऐसे में भाजपा विपक्ष के दलित कार्ड की काट में जुट गई है। बीजेपी की कोशिश किसी ना किसी तरह इस प्रकरण के तार दलित उत्पीड़न से ना जोड़कर नारी सम्मान से जोड़ने की हो रही है। गौरतलब है कि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर दलित और मुसलमान मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। इस क्षेत्र में मायावती का राजनीतिक ग्राफ लगातार नीचे आने के बाद मौजूदा हालात पर बीजेपी से लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की नजर है।
आरोप-प्रत्यारोप के बीच हुई थी थप्पड़बाजी
आपको बता दें कि, बीते शनिवार नगर निगम की बोर्ड बैठक में पुनरीक्षण बजट प्रस्ताव पास होने के बाद वार्ड 60 भाजपा पार्षद रेखा सिंह ने हाउस टैक्स इंस्पेक्टर चंद्रशेखर यादव पर आरोप लगाया है कि, वह वर्ग विशेष को बेइज्जत करने के लिए सील लगाते और मुनादी कराते हैं, जबकि मुस्लिमों और दूसरे वर्ग पर कार्रवाई नहीं होती। इस पर एआईएमआईएम पार्षद फजल करीम ने विरोध किया। इसी बात पर पक्ष, विपक्ष के पार्षद भिड़े। बचाव करने भाजपा एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज बीच में आए। तभी बसपा पार्षद आशीष चौधरी से मारपीट और थप्पड़बाजी हो गई। बोर्ड की बैठक के बाद बीजेपी नेता और राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज ने दलित पार्षद कीर्ति उर्फ कुलदीप और आशीष चौधरी समेत अन्य पार्षदों की सड़क पर पिटाई की थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दलित समाज के लोगों में भारी आक्रोश नजर आया। आक्रोशित लोग यूपी के ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर और एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज के पुतले फूंक कर अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं।
विपक्षी नेता हो रहे लामबंद
घटना के बाद सपा से सरधना विधायक अतुल प्रधान, कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत सिंह, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आदि विपक्ष के पीड़ित पार्षदों से मिलकर घटना की निन्दा कर चुके हैं। यही नहीं, इन तमाम नेताओं ने आगामी 10 जनवरी को मेरठ में आहूत दलित महासभा में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं इस प्रकरण के बाद अब तक अलग-अलग दिख रहे विपक्षी दल भी एकजुट हो गए हैं। 10 जनवरी को मेरठ में दलित महासभा का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं के आने की संभावना है।
10 जनवरी की दलित महापंचायत
वहीं, सत्तापक्ष ने विरोधी पक्ष पर भाजपा पार्षद रेखा को गाली दिए जाने का आरोप लगाते हुए घटना को नारी सम्मान से जोड़ा है। अब देखना यह है कि भाजपा अपने मकसद में कितनी कामयाब होती है। फिलहाल तो सबकी नजर 10 जनवरी की दलित महापंचायत पर लगी है।