रविंद्र भूरा हत्याकांड में सभी आरोपी दोषमुक्त, कोर्ट ने दिया संदेह का लाभ...18 साल पहले कचहरी में हुई थी वारदात

Meerut Murder Case: कोर्ट ने रविंद्र भूरा मर्डर केस के सभी पांच आरोपियों को रिहा कर दिया है। ये वारदात करीब 18 साल पहले कचहरी में हुई थी। आरोपियों को संदेह का लाभ मिला है।

Sushil Kumar
Published on: 10 Feb 2024 4:13 PM GMT (Updated on: 10 Feb 2024 4:17 PM GMT)
Meerut Murder Case
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Ravindra Bhura murder case: मेरठ में 17 वर्ष पहले कुख्यात रविंद्र भूरा हत्याकांड के सभी पांच आरोपियों को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया। अपर जिला जज कोर्ट संख्या- दो ओमवीर सिंह द्वितीय ने रविंद्र भूरा और उसका भतीजा गौरव हत्याकांड के आरोपियों अजय जडेजा उर्फ अजय शर्मा, आजाद, अजय मलिक उर्फ जंगू, यशवीर व गुलाब को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

क्या है मामला?

इस मामले में 16 अक्टूबर, 2006 को थाना सिविल लाइन में उप निरीक्षक रेशम सिंह ने रिपोर्ट लिखायी थी। कचहरी परिसर में चार-पांच बदमाशों ने पुलिस अभिरक्षा में रविन्द्र उर्फ भूरा पर अंधाधुंध गोलियां बरसायी। इसमें रविंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। रिपोर्ट में बताया गया कि, हमले में कांस्टेबल मनोज कुमार, रविन्द्र का भतीजा गौरव और एक बदमाश भी बदमाशों की गोलियों की चपेट में आ गए। मौके पर ही मारे गए। इसमें कई लोग घायल भी हुए।

7 लोगों को आरोपी बनाया गया था

घटना के हमलावरों को पुलिस द्वारा थोड़ी देर बाद आवश्यक बल प्रयोग कर पकड़ लिया था। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को आरोपी बनाया। सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। पुलिस ने जिन आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, उनमें अजय मलिक उर्फ जंगू, आजाद, बंटू, अजय जडेजा, चन्द्रपाल, गुलाब उर्फ फौजी शामिल थे। इसमें एक आरोपी राजेन्द्र उर्फ चुरमुड़ा मौके पर ही मारा गया था।

48 लोगों को गवाह बनाया गया

आरोप पत्र में पुलिस ने वादी दरोगा रेशम सिंह, दिनेश सहित 48 लोगों को गवाह बनाया था। लेकिन इस मामले में पुलिस 27 गवाह ही न्यायालय में पेश कर सकी। आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ता वीके शर्मा द्वारा न्यायालय में बताया कि, पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को इस मुकदमे में झूठा फसाया जा रहा है जिसका सबूत न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को देखकर आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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