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Meerut News: किसानों की बल्ले-बल्ले, खाते में आएगी मुआवजे की राशि
Meerut News: मुआवजे की मांग को लेकर 13 जुलाई 2021 से किसान जागृति विहार एक्सटेंशन में ही धरने पर बैठे हुए हैं और किसी प्रकार का ना तो विकास कार्य होने दिया जा रहा है और न ही किसी आवंटी को अपनी जमीन पर कब्जा लेने दे रहे हैं।
Meerut News: मेरठ के किसानों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने उनकी मुआवजे की मांग स्वीकार कर ली है। यही नहीं शासन ने 17 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए हैं। इसी माह आवास एवं विकास परिषद बढ़ा हुआ मुआवजा देगा। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आवास विकास से किसानों का 169 हेक्टेयर भूमि का करार किया हुआ है। इन किसानों को सौ रुपये बढ़ाकर मुआवजा दिया जाएगा। शासन ने 17 करोड़ रुपये की ग्रांट इसके लिए जारी कर दी है। जिलाधिकारी से किसानों को इसी महीने प्लॉट और बढ़े हुए मुआवजे के चेक वितरित कराने का अनुरोध किया गया है।
दरअसल, जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर की दर एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर की 800 रुपये, घोसीपुर की 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढ़ी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरु कर दी। इस मुआवजे की मांग को लेकर 13 जुलाई 2021 से किसान जागृति विहार एक्सटेंशन में ही धरने पर बैठे हुए हैं और किसी प्रकार का ना तो विकास कार्य होने दिया जा रहा है और न ही किसी आवंटी को अपनी जमीन पर कब्जा लेने दे रहे हैं।
किसानों की मुआवजे की मांग स्वीकार होने से जहां क्षेत्र के किसानों को खुशी मिली है तो वहीं योजना के तहत रुके हुए 800 करोड़ के विकास कार्यों को गति मिलेगी। बता दें कि किसानों के विरोध के चलते शहर की सबसे बड़ी 658 एकड़ में फैली योजना में करीब 800 करोड़ के विकास कार्य रुके हुए हैं। गढ़ रोड से हापुड़ रोड को जोड़ने वाली 45 मीटर चैड़ी सड़क का निर्माण भी रुका है। इसके अलावा पानी की टंकी, कुटी चैराहे से 32 मीटर चैड़ा मार्ग, लोहिया नगर से जोड़ने के लिए मार्ग निर्माण के साथ ही भीतर भी तमाम निर्माण कार्य अटके हुए हैं। यही नहीं इससे परिषद के करीब एक हजार आवंटियों को राहत मिलेगी। उन्हें कब्जा मिलेगा और वे अपने भवन का निर्माण कर सकेंगे।