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Meerut News: 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, अब तक आठ की गिरफ्तारी

Meerut News: रिटायर्ड बैंककर्मी और उनकी पत्नी को पांच दिन डिजिटल अरेस्ट कर 1.73 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने वेस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।

Sushil Kumar
Published on: 24 Oct 2024 7:33 PM IST
Meerut News: 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, अब तक आठ की गिरफ्तारी
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Meerut News (Pic- Newstrack)

Meerut News: पुलिस ने पश्चिमी दिल्ली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी और उनकी पत्नी को पांच दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर 1.73 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी की थी। जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पांडवनगर निवासी सेवानिवृत्त बैंककर्मी सूरज प्रकाश को 17 सितंबर को एक कॉल आई। साइबर जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उन्हें बताया कि महाराष्ट्र में उनके खिलाफ 6.80 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। उन्होंने जेल भेजने की धमकी देकर उन्हें डराया-धमकाया। दोनों को पांच दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर रखा गया। 1.73 करोड़ रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए।

इस संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में धारा 318 (4) भारतीय दंड संहिता और 66डी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर संख्या 68/2024 दर्ज की गई। जांच के दौरान उपरोक्त मामले में धारा 338, 340 (2), 61 (2) भारतीय दंड संहिता को जोड़ा गया। जनपद में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाए जा रहे अभियान के अन्तर्गत साइबर क्राइम थाने की 03 पुलिस टीमों में से एक टीम को उपरोक्त प्रकरण में वांछित अभियुक्त पंकज विश्वकर्मा के नाम व पते की तस्दीक करने एवं आवश्यक विवेचना कार्यवाही हेतु दिल्ली भेजा गया था। विवेचना कार्यवाही के दौरान खाताधारकों को प्रलोभन देकर उनसे धनराशि लेकर चेक के माध्यम से निकालने वाले अभियुक्त पंकज विश्वकर्मा पुत्र सोम शर्मा एवं सुखप्रीत सिंह बजाज पुत्र हरजीत सिंह बजाज का नाम प्रकाश में आया। आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करते हुए उन्हें पश्चिमी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।

जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार इस प्रकरण में कार्यवाही करते हुए अब तक साइबर क्राइम थाना, जनपद मेरठ द्वारा कुल 08 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इस प्रकरण में दुबई में 8 एटीएम मशीनों से लगभग 8,74,000 रूपये निकाले गए हैं। अभियुक्तों के दुबई से तार जुड़े होने का पता चला है। अभियुक्त सुखप्रीत सिंह बजाज दुबई में अपनी दो बहनों से मिलने जाता है। इस सम्बन्ध में गहनता से जांच की जा रही है। आरोपी विभिन्न खाताधारकों को बैंक खाते खुलवाने का लालच देकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। अन्य वांछित आरोपियों के विरुद्ध साइबर क्राइम थाना, जनपद मेरठ में अग्रिम विधिक कार्यवाही चल रही है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गिरफ्तार आरोपी पंकज विश्वकर्मा ने बताया कि अस्पताल में नौकरी के दौरान मेरी मुलाकात कैंटीन मालिक के बेटे सुकृत सहगल से हुई, जो दुबई आता-जाता रहता है। उसने कहा कि तुम मुझे कुछ खाते उपलब्ध करा दो, मैं तुम्हें और खाताधारक दोनों को कमीशन के रूप में दूंगा। मैंने ठगी के पैसे मांगने के लिए अपने मामा रोहित विश्वकर्मा का खाता नंबर सुकृत सहगल को दिया। सुकृत सहगल ने कहा कि मैं सुखप्रीत सिंह बजाज को आपके पास भेजूंगा, जो आपके साथ काम करेगा। मैंने उसे अपने मामा का खाता दिया, जिसमें करीब 400000/- रुपये ठगी के पैसे आए थे। मैं और सुखप्रीत सिंह बजाज अपने मामा को लेकर बैंक गए और बैंक से पैसे निकालकर सुखप्रीत सिंह बजाज को दिए। मैं और सुखप्रीत सिंह बजाज दोनों सुखप्रीत सिंह बजाज की कार i20 में बैठकर सुकृत सहगल द्वारा बताई गई जगह पर पहुंचे और दोस्त सुकृत सहगल से मिले जिसको हमने बैंक से निकाली गई रकम दे दी जिससे हमें हमारा कमीशन मिल गया।

पूछताछ पर सुखप्रीत सिंह बजाज ने बताया कि मेरी बहन दुबई में प्रॉपर्टी डीलर का काम करती है, मैं कुछ दिन पहले दुबई गया था जहां मेरी मुलाकात सुकृत सहगल से हुई, सुकृत सहगल ने मुझे कहा कि हम दोनों को मिलकर फ्रॉड का काम करना चाहिए जिससे अच्छी आमदनी होगी और मैं सुकृत सहगल की सलाह पर भारत आकर पंकज विश्वकर्मा के साथ काम करने लगा जिससे हमें रोजाना एक अकाउंट में पैसे जमा होते थे जिससे हमें हमारा कमीशन मिल जाता था। हमने सुकृत सहगल को करीब 1 करोड़ रुपए दिए हैं। सुकृत सहगल को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम का नेतृत्व साइबर क्राइम थाने के सब इंस्पेक्टर विनीत कुमार कर रहे थे।



Ragini Sinha

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