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Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतवीर सिंह ने कहा: अन्तरिम बजट में वित्त मंत्री ने ईमानदार करदाता को किया निराश

Meerut News: मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट के माध्यम से उन 8 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को मायूस कर दिया है जो लोकसभा चुनावों से पहले टैक्स के क्षेत्र में राहत की उम्मीद पाले हुए थे।

Sushil Kumar
Published on: 1 Feb 2024 6:38 PM IST
Meerut news
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Finance Minister Nirmala Sitaraman source: social media

Meerut News: मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट के माध्यम से उन 8 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को मायूस कर दिया है जो लोकसभा चुनावों से पहले टैक्स के क्षेत्र में राहत की उम्मीद पाले हुए थे। इन टैक्सपेयर्स ने आसेसमेंट ईयर 2023-24 में रिटर्न फाइल किया था लेकिन उन्हें अंतरिम बजट ने निराश कर दिया है। मोदी सरकार की महंगाई से परेशान टैक्सपेयर्स की उम्मीद थी कि उन्हें कुछ टैक्स में राहत मिलेगी, लेकिन इस अंतरिम बजट ने उनकी आशाएं तोड़ दी हैं।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतवीर सिंह ने कहा

इसी बात पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतवीर सिंह कहते है अन्तरिम बजट में वित्त मंत्री ने ईमानदार करदाता यानी ऑनेस्ट टैक्स पेयर को निराश किया है। वेतनभोगी कर्मचारी चुनावी वर्ष में आयकर स्लैब में राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे। वर्ष 2009-10 के कर बकायेदारों का 25000 रुपया एवं 2010-15 की अवधि के कर बकाएदारों का 10000 रुपया का कर माफ कर दिया है। इसका सन्देश यह है कि जो करदाता समय से और ईमानदारी से कर का भुगतान कर रहा है, सरकार को उसकी कोई चिंता ही नहीं है। वैसे तो अंतरिम बजट चुनावी वर्ष में नई सरकार आने तक की अवधि में नए वित्त वर्ष के लिए संसद से व्यय की व्यवस्था कराने के लिए प्रस्तुत किया जाता है। नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद पूर्ण बजट में इन व्ययों को शामिल करते हुए अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार बजट प्रस्तुत किया है।

मेरठ के आचार्य एवं पूर्व अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग प्रो दिनेश कुमार ने कहा

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के आचार्य एवं पूर्व अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग प्रो दिनेश कुमार ने अंतरिम बजट 20 24 को लेकर आज कहा कि कुल मिलाकर भारत के अंतरिम बजट ने कर ढांचे में कोई बदलाव नहीं होने से करदाताओं को निराश किया है। हालाँकि, सरकार राजकोषीय समेकन, पूंजीगत व्यय और सामाजिक कल्याण सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करती है। वित्त मंत्री सीतारमण का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% तक कम करना है। वित्त वर्ष 2025 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटा लक्ष्य, सकल घरेलू उत्पाद का 5.8% है। चुनावी वातावरण में यह बजट वित्तीय एवं राजकोषीय प्रबंधन का एक कुशल उदहारण कहा जा सकता हैl

प्रोफेसर दिनेश कुमार के अनुसार भारत के वित्त मंत्री ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए दीर्घकालीन एवं समावेशी प्रकृति के अंतरिम बजट को प्रस्तुत किया इस बजट में - टैक्स स्लैब अपरिवर्तित रहे, मध्यम वर्ग के लिए नई आवास योजना कैपेक्स लक्ष्य 11.1% बढ़ाया गया, रक्षा बजट 18% बढ़ाया गया आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों तक विस्तारित किया गया, सभी जिलों में अस्पताल बनाये जायेंगेl सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण के परिक्षेत्र में वृधि की गई।

प्रोफेसर अतवीर सिंह, पूर्व अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग प्रो दिनेश कुमार source: Newstrack


पांच प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन में बढ़ोतरी

भारत सरकार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित अंतरिम बजट में प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की है, कुछ में तीन अंकों की वार्षिक वृद्धि की गई है। यह बजट पार्टी के लिए आर्थिक घोषणापत्र के रूप में कार्य करता है। बजट राजकोषीय समेकन, उधार लेने और कराधान नीतियों के लिए पार्टी की रणनीतियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो बाजार के लिए मूल्यवान संकेत प्रदान करता है। इस बजट के दौरान भारत सरकार ने कम से कम पांच प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री ने देश की महिलाओं, गरीबों, किसानों और युवाओं जैसे चार मुख्य फोकस क्षेत्रों पर लक्षित कई उपायों की घोषणा की, क्योंकि इसका लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित देश में बदलने की नींव रखना है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)

वित्त वर्ष 2025 के लिए आवंटन 60,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो कि 43.33 प्रतिशत की वृद्धि है। आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई हेतु वित्त वर्ष 2025 के लिए आवंटन वित्त वर्ष 24 के 7,200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो 4.2 प्रतिशत की वृद्धि है। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के सन्दर्भ में वित्त वर्ष 2025 के लिए आवंटन 4,645 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6,200 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो 33.48 प्रतिशत की वृद्धि है। सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए संशोधित कार्यक्रम का अंतर्गत वित वर्ष 25 आवंटन वित्त वर्ष 24 में 3,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,903 करोड़ रुपये हो गया, जो 130 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन पर वित्त वर्ष 2025 के लिए आवंटन वित्त वर्ष 2024 के 297 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये किया गया, जो 102 प्रतिशत की वृद्धि है।

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वृद्धि

सौर ऊर्जा (जीआरआईडी) के क्षेत्र में वित्त वर्ष 2025 का बजट अनुमान वित्त वर्ष 2024 के 4,970 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,500 करोड़ रुपये हो गया, जो 71 प्रतिशत की वृद्धि है। रूफटॉप सोलराइजेशन और मुफ्त बिजली पर घोषणा की गई है कि रूफटॉप सोलराइजेशन के माध्यम से, एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके निम्नलिखित लाभ अपेक्षित हैं।

अ) मुफ्त सौर बिजली और वितरण कंपनियों को अधिशेष बेचने से परिवारों को सालाना 15,000-18,000 रुपये तक की बचत, इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग

ब) आपूर्ति और स्थापना के लिए बड़ी संख्या में विक्रेताओं के लिए उद्यमिता के अवसर

स) रोजगार विनिर्माण, स्थापना और रखरखाव में तकनीकी कौशल वाले युवाओं के लिए अवसर का लाभ

लखपति दीदी योजना

लखपति दीदी योजना का विस्तारित दायरा केवल संख्या में वृद्धि नहीं है, बल्कि महिलाओं के बीच आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक है। लाभ को बढ़ाकर और इस पहल की पहुंच का विस्तार करके, सरकार महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम बनाना चाहती है । यह योजना महिलाओं को अपनी वित्तीय नियति का प्रभार लेने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है, जो उन्हें आर्थिक रूप से अपने जीवन को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने का साधन प्रदान करती है। यह घोषणा लैंगिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्य के साथ प्रतिध्वनित होती है।

मध्यम वर्ग के लिए आवास: सरकार किराए के मकानों या झुग्गियों, चॉलों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के योग्य वर्गों को अपना घर खरीदने या बनाने में मदद करने के लिए एक योजना शुरू करने से इनके पुनर्विकास एवं मलिन बस्तियों जैसे अतिक्रमण क्षेत्रों को मुक्त करने की संभावना है। पूंजीगत परिव्यय आवंटन 11.1% बढ़ाया गया है , जोकि सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा - इससे सभी संपत्तियों में रियल एस्टेट विकास की संभावना खुल जाएगी क्योंकि इस आवंटन का बड़ा हिस्सा विभिन्न बुनियादी ढांचे के उन्नयन और नई परियोजनाएं के लिए उपयोग किया जाएगा। स्टार्टअप्स को कर लाभ एक और वर्ष के लिए बढ़ाया गया है इससे कार्यालय अचल संपत्ति को फिर से जीवंत करने में मदद मिल सकती है।

वर्तमान बजट युवा आबादी वाले इस उभरते भारत में यूवाओं की क्षमताओं का और अधिक् विदोहन कर उनको देश के विकास की मुख्य धारा से जोड़ते हुए रोजगार के नए अवसरों में वृधि करेगा l मनरेगा , पी एल आई , आयुष्मान योजना , रूफटॉप सोलराइजेशन, माध्यम वर्ग के लिए नई योजना आदि न सिर्फ रोजगार के अवसरों में वृद्धि करेगा बल्कि राष्ट्र विकास में भी कारगर साबित होगा l

मुद्रा स्फीति को सीमा के अंदर नियंत्रित रखने का रोडमैप गायब

अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति, आरबीआई द्वारा सुझाए इनफ्लेशन बैंड की सीमा को लांघने को तैयार दिखती है। लेकिन बजट में मुद्रा स्फीति को सीमा के अंदर नियंत्रित रखने का रोडमैप गायब है। किसी भी अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए वहां की खपत में वृद्धि एवं विकास की मुख्यधारा में युवाओं की भूमिका का विशेष योगदान होता है। वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था खपत विशेष रूप से ग्रामीण खपत कमी के दौर से गुजर रही है और युवा रोजगार की तलाश में भटक रहा है। इसके मद्देनजर यह आशा की जा रही थी कि अंतरिम बजट में शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्र में खपत को बढ़ाने एवं कम से कम चुनावी वर्ष में तो युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के कुछ सार्थक प्रयास वित्तमंत्री द्वारा किए जायेंगे। इससे सरकार में आम आदमी और युवाओं का भरोसा और मजबूत होता। लेकिन लगता है कि सरकार को न तो आम आदमी की चिंता है और न ही देश के युवाओं के भरोसे की जरूरत है।

क्या कहती है ब्लूमबर्ग सर्वे रिपोर्ट

बढ़ते सार्वजनिक कर्ज के लिए सरकार को आईएमएफ की चेतावनी के बाद वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने सार्वजनिक उधारी का लक्ष्य घटा दिया है। ब्लूमबर्ग सर्वे की रिपोर्ट के अनुमान अनुसार 15.2 ट्रिलियन रुपए की तुलना में 14.13 ट्रिलियन रुपए रखा गया है। सरकार की शुद्ध उधारी का लक्ष्य, परिपक्व उधारी के समायोजन के उपरान्त, 11.75 ट्रिलियन रुपए रखा गया है। सरकार ने अंतरिम बजट में साधारण लोगों के लिए जरूरी शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार एवं बुनियादी सुविधाओं के विकास पर कोई खास तवज्जो नहीं दिया है।

जुलाई में पेश होगा पूर्ण बजट

अंतरिम बजट के परिणामस्वरूप, टैक्सपेयर्स में निराशा की भावना प्रकट हो रही है। लेकिन लोकसभा चुनाव के पश्चात्, नई सरकार के गठन के बाद, टैक्सपेयर्स को अब केंद्र सरकार से ही अब पूरी उम्मीदें हैं।



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Aakanksha Dixit

Aakanksha Dixit

Content Writer

नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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