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Meerut News: एनआरएलएम योजना के तहत 23 लाख से अधिक परिवारों को समूहों से जोड़ा गया

Meerut News: इस योजना का मुख्य उद्देश्य उप्र राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाना है।

Sushil Kumar
Published on: 10 Sept 2024 2:00 PM IST (Updated on: 10 Sept 2024 2:01 PM IST)
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Meerut News: उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन इन्टेन्सिव रणनीति के अन्तर्गत राज्य के 75 जनपदों के 826 विकासखण्डों में किया जा रहा है। वर्तमान में मिशन के अंतर्गत 95 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के परिवार की महिलाओं को कुल 8,55,479 स्वयं सहायता समूहों, 53,685 ग्राम संगठनों एवं 2,945 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। वर्ष 2023-24 में संतृप्तीकरण के अंतर्गत 23 लाख से अधिक परिवारों को समूहों से जोड़ा गया है। यह जानकारी आज यहां सरकारी प्रवक्ता ने दी।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य उप्र राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाना है। विविध आजीविका कार्यकलापों को ध्यान में रखते हुये मिशन 03 आधारों पर कार्य करता हैः- गरीबों के लिये विद्यमान आजीविका विकल्पों में वृद्धि करना, बाहरी क्षेत्रों में रोजगार के अनुसार उनका कौशल विकास करना और स्वरोजगार एवं उद्यमशीलता (लघु उद्यमों के लिये) को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अन्तर्गत उ0प्र0 के एक करोड़ चार लाख ग्रामीण गरीब परिवारों के दस लाख स्वयं सहायता समूह, एक लाख ग्राम संगठन एवं तीन हजार संकुल स्तरीय संगठनों में संगठित करना है। मिशन अन्तर्गत बजट व्यवस्था भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार का 40 प्रतिशत के अनुपात में की जाती है।

आजीविका संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रधानमंत्री की प्रेरणा एवं मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मिशन निरन्तर प्रगति की तरफ अग्रसर है, मिशन के अंतर्गत अभी तक कुल 6,67,501 स्वयं सहायता समूहों को रिवालविंग फण्ड 5,02,615 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के माध्यम से आच्छादित किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिशन के अन्तर्गत 18,539 स्वयं सहायता समूहों के 1.95 लाख से अधिक परिवारों को 38.88 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अवमुक्त की गयी एवं 21546 स्वयं सहायता समूहों के 2.26 लाख से अधिक परिवारों को 242.71 करोड़ रुपये से अधिक की सेआईएफ की धनराशि अवमुक्त की गयी है।

उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्राम्य स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय समावेशन के माध्यम से विविधीकृत आजीविका संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न बैंकों से समन्वय स्थापित करते हुए समूह स्तर पर कम ब्याज पर त्वरित, आवश्यकता अनुसार मांग के अनुरूप समयबद्ध ऋण की उपलब्धता सुनिश्ति कराई जा रही है। अभी तक मिशन के अंतर्गत 5.62 लाख स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सतत आजीविका की दिशा में ऋण रुपये 5691 करोड़ उपलब्ध कराया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिशन के अन्तर्गत 1.7 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के 11 लाख से अधिक परिवारों को 881.95 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि कम ऋण पर स्वीकृत कराई गयी है।



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Shalini singh

Shalini singh

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